एक छोटा-सा गांव, जिसकी आजीविका और अर्थव्यवस्था पर्यटन से चलती हो, उसने पर्यावरण के खतरे को महसूस किया। उसने मान लिया कि प्रकृति है, तभी उसका जीवन है, और इसके लिए जरूरी है कि जीवनशैली सुधारी जाए। यह है सिक्किम से 125 किलोमीटर दूर उत्तरी सिक्किम का गांव लाचेन। गांव ने तय किया है कि अब वहां न बोतल में बंद पानी आएगा, न प्लास्टिक या थर्मोकोल के डिस्पोजेबल बर्तन।...
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खामियां बनीं सिरदर्द : हर दिन कमर तक पानी से गुजरते हैं 100 लोग
झाबुआ, ब्यूरो। शहर से 4 किमी दूर गांव नवागांव के तेरू फलिया में पानी की व्यवस्था के लिए कई साल पहले वाटरशेड मिशन से नाले पर बंधन किया गया। दो साल पहले जल संसाधन विभाग ने एक तालाब भी इसके पास बना दिया, लेकिन इस तालाब का वेस्टवियर ऊंचा था। अब फलिए के दोनों ओर से बहने वाले नाले भी तालाब में तब्दील हो गए। फलिए के लोगों के पास आने-जाने...
More »प्रशासन शून्य दौर में तमिलनाडु - एस श्रीनिवासन
एक कुशल प्रशासित राज्य तमिलनाडु इन दिनों सचमुच नेतृत्व विहीन हो गया है, क्योंकि पिछले दो हफ्तों से सूबे की मुख्यमंत्री जयललिता चेन्नई के अपोलो अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हैं। शुरू में तो उन्हें बुखार और शरीर में पानी की कमी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन अब हर बीतते दिन के साथ उनकी बीमारी की ‘असली वजहों' को लेकर कयासबाजी तेज होती जा...
More »अजब चिकनगुनियामय देश हमारा - मृणाल पांडे
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पुणे, लखनऊ और चंडीगढ़ जैसे कई बड़े शहर इन दिनों चिकनगुनिया, डेंगू और तमाम तरह की बरसाती पानी के जलभराव से उपजी महामारियों के शिकार हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में तिल धरने की जगह नहीं, घर-घर लोग तड़प रहे हैं और तमाम उपलब्ध सरकारी-गैरसरकारी अस्पताल नाकाफी साबित हो रहे हैं। अधिकतर बीमार शहरी मलिन बस्तियों के वे गरीब हैं, जो हर तरह की नागर सुविधा...
More »दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टरों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द
डेंगू व चिकुनगुनिया के बढ़ते मामलों के बाद अब दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर व कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी है। मरीजों के लिए अस्पतालों में डाक्टर नर्स व अन्य स्वास्थ्य महकमे से जुड़े कर्मचारी उपलब्ध रहे। इस इरादे से यह अहम फैसला लिया गया है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे अब तक एक दर्जन से...
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