नई दिल्ली। देश में 2.43 करोड़ अंत्योदय अन्न योजना परिवारों सहित 6.52 करोड़ गरीबी रेखा के नीचे [बीपीएल] के परिवारों की स्वीकृत संख्या के लिए खाद्यान्नों का आवंटन 35 किलो प्रति परिवार प्रति माह की दर पर किया जा रहा है। कृषि राज्य मंत्री के वी थामस ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्यों और संघशासित क्षेत्रों को खाद्यान्नों का आवंटन करने के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग...
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ढिबरी के सहारे रात गुजार रहे सात लाख लोग
बांका। जिले के सात लाख की आबादी बिजली की चकाचौंध से अनभिज्ञ है। यहां तक की बिजली विभाग द्वारा इन गांवों में सर्वेक्षण के चार वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी विद्युत यहां के लोगों के लिए सपना बना हुआ है। जिले में विद्युत विहीन गांवों के विद्युतीकरण के लिए आरजीईवाई के तहत 1408 गांवों को चिन्हित किया गया था। जिसमें 1293 गांवों में वर्ष 09 के मार्च तक विद्युतीकरण करने की अनुमति...
More »मणिपुर में मीडिया पर किसका दबाव
कोहिमा [एशिया डिफेंस न्यूज़ इंटरनेशनल]। मणिपुर में एक उम्मीद सी सुबह, अचानक मुझे पत्रकारों के परिचित भय ने घेर लिया। क्या मैं इतनी दूर [माओ गेट से इंफाल तक के नाम भर के राजमार्ग-39 पर यात्रा करके], एक कहानी की [दबाव झेलते उग्रवादी] तलाश में आया हूं? एक स्थानीय समाचारपत्र में 'आरपीएफ द्वारा पुलिस/सेना के दोहरेपन की भर्त्सना' शीर्षक से छपी एक खबर ने सारी बात कह डाली है। लगता है कि मणिपुर में प्रकाशन...
More »कहीं विलुप्त ना हो जाए आदिवासी संस्कृति
नई दिल्ली। अरविंद जयतिलक संयुक्त राष्ट्र संघ की द स्टेट आफ द वर्ल्ड्स इंडीजीनस पीपुल्स नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि मूलवंशी और आदिम जनजातिया पूरे विश्व में अपनी संपदा, संसाधन और जमीन से वंचित व विस्थापित होकर विलुप्त होने के कगार पर हैं। रिपोर्ट में भारत के झारखंड राज्य की चर्चा करते हुए कहा गया है कि यहा चल रहे खनन कार्य के कारण विस्थापित हुए संथाल जनजाति के हजारों परिवारों को आज...
More »भूखे बुंदेलों के हक पर अमीरों का डाका
उरई। बुंदेलखंड के बीहड़ में बसे गांवों के लोग भुखमरी के मुहाने पर खडे़ हैं। उरई जिले के नंदीगांव व रामपुरा ब्लाकों के दर्जनों गांवों के बाशिंदों के घरों में महीने में बमुश्किल 15 दिन ही चूल्हा जलता है और वह भी एक समय। ज्यादातर भूमिहीन और गरीबों के पास बीपीएल और अंत्योदय कार्ड तक नहीं हैं। पूरा भोजन ना मिलने से महिलाएं, पुरुष और बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। दलित बाहुल्य गांवों की हालत...
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