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बबीता ने जैविक खेती से 374 किसानों को जोड़ा

आम तौर पर पढ़ी-लिखी महिलाएं खेतीबारी में कम ही रुचि रखती हैं. उनका रुझान दूसरे कार्यो की ओर अधिक होता है. बबीता कश्यप इस मामले में अपवाद हैं. उन्होंने खेती की ओर रुख किया और गांव-गांव में महिलाओं को इससे जोड़ने का अभियान छेड़ा. बबीता ने रासायनिक खेती के बजाय जैविक खेती को अपनाया. 2005 में रामगढ़ से एकाउंट ऑनर्स की पढ़ाई पूरी करने वाली बबीता हमेशा कुछ नया करने...

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भारत में 70 अरबपति, मुकेश अंबानी सबसे अमीर

नई दिल्ली। भारत अरबपतियों की तादाद के लिहाज से विश्व में पांचवें स्थान पर है और रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी देश के सबसे अमीर व्यक्ति हैं जिनके पास 18 अरब डॉलर की व्यक्तिगत संपत्ति है। यह बात एक रपट में कही गई। चीन की अनुसंधन कंपनी हुरून की वैश्विक अमीरों की सूची में मुकेश अंबानी 41वें स्थान पर रहे जिसमें सबसे ऊपर बिल गेट्स हैं। गेट्स के पास 68...

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सुखदेई ने सूत कताई को बनाया आजीविका का जरिया

गढ़वा प्रखंड के टंडवा की रहनेवाली सुखदेई देवी का घर की देहरी से निकलकर दिल्ली के विज्ञान भवन तक का सफर महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है. सुखदेई ने गढ़वा ही नहीं पूरे झारखंड राज्य को सम्मानित करने का काम किया है. गढ़वा शहर के सोनपुरवा स्थित झारखंड राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में स्थापित प्रशिक्षण केंद्र से सुखदेई देवी ने 2008-09 में जुड़ कर सूत कताई का कार्य प्रारंभ किया. साक्षर सुखदेई...

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जनकल्याण में कटौती का अर्थ- धर्मेन्द्रपाल सिंह

जनसत्ता 01 मार्च, 2014 : आम चुनाव सिर पर हों तो इसे अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना ही कहा जाएगा। वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने अंतरिम बजट में जन-कल्याणकारी योजनाओं में 31,812 करोड़ रुपए की कटौती कर यूपीए सरकार के विरोधियों को हमला करने के लिए अतिरिक्त गोला-बारूद मुहैया करा दिया है। कटौती चालू वित्तवर्ष में की गई है जिसका असर ग्रामीण सड़क, सिंचाई, राष्ट्रीय कृषि विकास, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मिड-डे...

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नवउदारवाद से उपजी चुनौतियां- प्रभात पटनायक

जनसत्ता 22 फरवरी, 2014 : यूपीए सरकार और राजग सरकार और यहां तक कि ‘तीसरे मोर्चे’ की अल्पायु सरकार भी आर्थिक नीतियों के मामले में एक जैसी ही रहीं। आज भी, जब चुनावी विकल्प के रूप में राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी का शोरशराबा हो रहा है, आर्थिक नीतियों के स्तर पर शायद ही कोई बुनियादी फर्क हो। सच्चाई तो यह है कि मोदी खुद इस बात पर जोर देते...

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