देहरादून। अगले पांच वर्ष में राज्य में कृषि विकास दर को चार प्रतिशत करने का लक्ष्य है। मैदानी व पहाड़ी क्षेत्रों के खेतों की उर्वर क्षमता में आ रही गिरावट के कारण लक्ष्य हासिल करने को बागवानी व पशुपालन पर अधिक भरोसा जताया जा रहा है। मिश्रित खेती के साथ ही दलहन व तिलहन पर ज्यादा जोर रहेगा। कृषि विकास के पंचवर्षीय राज्य स्तरीय प्लान का होमवर्क पूरा हो गया...
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खाद्यान उत्पादन 1.1 करोड़ टन कम होगा: पीएमईएसी
नई दिल्ली : देश में मानसून के कमजोर रहने और काफी बड़े इलाके में सूखे की स्थिति बनने से चालू वित्त वर्ष के दौरान खाद्यान्न उत्पादन में 1.1 करोड़ टन की कमी हो सकती है। यह अनुमान प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद यानी पीएमईएसी ने लगाया है। परिषद ने कहा है कि देश के आधे हिस्से में सूखे की वजह से कृषि और इससे जुड़े सेक्टर के उत्पादन में दो...
More »भुखमरी और कुपोषण के हालात बयान करते दो और रिपोर्ट
दो जून भर पेट भोजन ना जुटा पाने वालों की तादाद दुनिया में इस साल एक अरब २० लाख तक पहुंच गई है और ऐसा हुआ है विश्वव्यापी आर्थिक मंदी और वित्तीय संकट(२००७-०८) के साथ-साथ साल २००७-०८ में व्यापे आहार और ईंधन के विश्वव्यापी संकट के मिले जुले प्रभावों के कारण। यह खुलासा किया है संयुक्त राष्ट्र संघ की इकाई फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन की हालिया रिपोर्ट ने । द...
More »बढ़ रही है भारत में भुखमरी के शिकार लोगों की तादाद- एक्शन एड
अंतर्राष्ट्रीय स्तर की एक नई रिपोर्ट में भुखमरी के खात्मे के लिए पर्याप्त प्रयास ना करने के लिए भारत सरकार की आलोचना की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में भुखमरी का कारण खाद्यान्न के उत्पादन में कमी नहीं बल्कि गरीबों की क्रय क्षमता में कमी का आना है। एक्शन एड द्वारा जारी हू इज रियली फाइटिंग हंगर नाम की इस रिपोर्ट(देखें नीचे दी गई लिंक) में...
More »पालिथीन के व्यवहार से बढ़ रहा प्रदूषण
जामताड़ा, नाला, संसू। सरकारी उदासीनता के कारण नाला बाजार सहित समीप के गांवों में धड़ल्ले से पालीथिन व्यवहार करने के कारण प्रदूषण संकट उत्पन्न होने लगा है। लोगों का कहना है कि जिस रफ्तार से पालिथीन का व्यवहार किया जा रहा है और उसके बाद सड़क किनारे यत्र-तत्र फेंका जा रहा है उससे प्रदूषण की समस्या गहराने लगी है तथा कृषि योग्य जमीन भी बंजर होने के कगार पर आ...
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