तीन माह से 3 साल के 70 } बच्चे रक्त-अल्पता से पीड़ित अगले 20-30 वर्षों में भारत को अपनी अन्न सुरक्षा के लिए खेती के आधुनिक तरीकों, बेहतर सिंचाई-प्रबंधन, पर्यावरण के अनुकूल बीज-खाद-कीटाणुनाशक का उपयोग, उदार आर्थिक सहयोग और ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सड़क, बिजली, भंडारण की सुविधाओं, आम लोगों की क्र य शक्ति बढ़ाने में भारी निवेश की आवश्यकता पड़ेगी. आज पढ़िए छठी कड़ी. भारत को आर्थिक महाशक्ति घोषित करने को...
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डूबते को तिनके का सहारा..
कहते हैं डूबते को तिनके का सहारा होता है। यह कहावत “निजो गृह-निजो भूमि” कार्यक्रम के हितग्राही पश्चिम बंगाल के भूमिहीन परिवारों पर सटीक बैठती है। इंटरनेशनल फूड एंड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इंडिया स्टेट हंगर इंडेक्स(2008) में पश्चिम बंगाल में भुखमरी की दशा को खतरनाक करार दिया था। समस्या से निपटने के दूरगामी उपाय के रुप में पश्चिम बंगाल की सरकार ने राज्य के भूमिहीन परिवारों को आवास और खेती-बाड़ी...
More »दूध से मुनाफे की धार
मध्य प्रदेश के शिवपुरी की कुछ महिलाएं दूध की कंपनी बनाकर न सिर्फ खुद अच्छी कमाई कर रही हैं, बल्कि उन्होंने आसपास के गावों की महिलाओं को भी अपने पैरों पर खड़े होने का मौका दिया है। कंपनी बाजार में अपने मिल्क प्रोडक्ट्स उतारने के बारे में सोच रही है... 6,000 रुपये हर महीने कमा रही है, कंपनी से जुड़ी प्रत्येक महिला 30 महीने पहले...
More »चुनौती है पहचान की राजनीति- सुभाषिनी अली
इस वर्ष की शुरुआत कमोबेश उसी तरह की घिनौनी घटनाओं के साथ हुई, जिनके साथ 2013 का अंत हुआ था। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले की एक आदिवासी पंचायत ने अपने ही समुदाय की एक 20 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने का फरमान जारी कर दिया और दिल्ली के लाजपत नगर मार्केट में अरुणाचल प्रदेश के एक 19 वर्षीय नौजवान को लाठी-सरियों से इतनी बुरी तरह पीटा गया कि...
More »'हमारे सामने अवसर बड़ा, झोली छोटी'- योगेन्द्र यादव
डॉ योगेंद्र यादव जाने-माने चुनावी विश्लेषक रहे हैं. देश के कई जनांदोलनों में उन्होंने सक्रिय भागीदारी की है. आम आदमी पार्टी के एक प्रमुख चेहरे के रूप में वह देश के जनांदोलनों को एक मंच पर लाकर अपनी पार्टी को राष्ट्रीय स्वरूप देने की कोशिश में जुटे हैं. पेश है ‘आप’ की राष्ट्रीय राजनीति, रणनीति और लोकसभा चुनाव में उसके लिए संभावनाओं पर डॉ योगेंद्र यादव से प्रभात खबर के...
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