नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में फैला बुंदेलखंड एक क्षेत्र है। पूरा इलाका गरीबी, बेरोजगारी, पलायन, सूखा, अकाल जैसी समस्याओं से भी समान रूप से जूझ रहा है। लेकिन इस क्षेत्र को इन समस्याओं से मुक्ति देने की कोशिश करने के बजाय सियासी सूरमा अपनी-अपनी सियासत चमकाने में लगे हैं। सियासत भी एक तरफा नहीं बल्कि तीन तरफा। यकीन नहीं तो उत्तर प्रदेश के...
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जो खर्च न हुआ, वह पैसा किस काम का?
नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह]। जेब में पैसा हो लेकिन खर्च न किया जाए या खर्च हो न पाए तो बताइए वह किस काम का? जाहिर है, किसी काम का नहीं। अल्पसंख्यकों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम [मल्टीसेक्टोरल डेवलपमेंट प्रोग्राम] के तहत राज्य सरकारों को केंद्र से पर्याप्त पैसा मिला। लेकिन वह इस समुदाय के किसी काम नहीं आया क्योंकि राज्यों ने इस पैसे का 20 फीसदी हिस्सा भी खर्च नहीं...
More »शिशु और मातृ मृत्यु दर में आई कमी
नई दिल्ली। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहस्राब्दी विकास लक्ष्य [एमजीडी] तक पहुंचने के लिए सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान का देश में असर होता दिखाई देने लगा है। अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक देश में शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी आ रही है, जिसमें वर्ष 2012 तक और गिरावट आने की संभावना है। वर्ष 2005 में देश में शिशु मृत्यु दर प्रति 1000 पर 55 थी, जो वर्ष 2008 में घट कर 53...
More »भूख है तो सब्र कर
इलाहाबाद। शुरुआत करते हैं दुष्यंत कुमार के एक शेर से-न हो कमीज तो पांव से पेट ढक लेंगे, ये लोग कितने मुनासिब हैं इस सफर के लिए। दरअसल इस शेर की याद इसलिए आई कि राज्य के मानवाधिकार आयोग ने एक ऐसे मामले का संज्ञान लिया है जो दुखद तो है ही साथ ही शर्मसार कर देने वाला भी है। इलाहाबाद के एक गाव में भूख मिटाने के लिए बच्चे मिट्टी खाने को...
More »जीवन अधिकार यात्रा
इंदौर समर्थक समूह की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि नर्मदा घाटी में बन रहे सरदार सरोवर बांध डूब क्षेत्र के निवासियों पर पुनः हमला हुआ है। घाटी के 248 गांवों में बसे 2 लाख पहाड़ी आदिवासी और पश्चिमी निमाड़ के किसान मजदूर, मछुआरे, छोटे व्यापारी आदि जो कि यहां के प्राकृतिक संसाधनों और हरे-भरे खेतों पर निर्भर हैं, को डुबोने की तैयारी हो गई है। पर्यावरण...
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