ज्यादातर देशों में एक ओर जहां राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए मुफ्तखोरी को हथियार बनाती हैं, वहीं इसी दुनिया में स्विटजरलैंड जैसा भी एक देश है, जहां की जनता ने सरकार की इस पेशकश को ठुकरा दिया. दूसरी तरफ भारत में देखें तो राजनीतिक पार्टियां और सरकारें मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्तखोरी को बढ़ावा देनेवाली नीतियों को प्रश्रय देती रहती हैं भारत जैसे कल्याणकारी राज्य में सब्सिडी एक जरूरी...
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आर्थिक सुधारों के दौर में- तवलीन सिंह
पच्चीस साल पहले लाइसेंस राज को समाप्त करने का पहला कदम उठाया था प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने। अफसोस कि जिस तरह नरसिंह राव को भुलाने का काम किया है कांग्रेस पार्टी ने, उसी तरह देशवासियों ने भुला दिया है वह दौर, जो कायम था लाइसेंस राज के समाप्त होने से पहले। नई पीढ़ी के भारतीय तो कल्पना भी शायद नहीं कर सकते उस भारत की, जिसमें तकरीबन हर भारतवासी की...
More »कब मिटेगा बाल श्रम का कलंक-- बुद्धप्रकाश
भारतीय संविधान के अनेक प्रावधानों व अधिनियमों में बच्चों की सुरक्षा की खातिर व्यवस्थाएं की गई हैं। समय-समय पर इस उद््देश्य से नए कानून भी बनाए जाते रहे हैं। इस सब के बावजूद बाल श्रम की समस्या में उत्तरोत्तर वृद्धि होती गई है। बच्चों को भावी कर्णधार और आने वाले कल की तस्वीर कहा जाता है। लेकिन कल के उज्ज्वल भविष्य का वर्तमान पेट की आग बुझाने में इस कदर...
More »एफडीआई के बाद विनिवेश करने निकलेगी केंद्र सरकार
नई दिल्ली। देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से जुड़े अहम कदम उठाने के बाद केंद्र सरकार की नजर अब विनिवेश के क्षेत्र में सुधार को आगे बढ़ाने पर है। सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बेचने के काम को सरकार अब ज्यादा दिनों तक नहीं लटकाएगी। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने की कमान संभाल ली है। मोदी ने सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त...
More »बदल गए RTI के नियम-- रमेश कुमार सिंह
आपके लिए जरूरी खबर। आरटीआई (सूचना का अधिकार) के नियम बदल दिए गए हैं। बेमतलब के प्रश्नों को रोकने के लिए अब क्यों, कब और कैसे सवालों का जवाब इसके तहत नहीं दिया जाएगा। काल्पनिक प्रश्नों का उत्तर देने पर भी रोक लगा दी गई है। ये बदलाव जल्द ही लागू हो जाएंगे। ये होगा बदलाव... पुराना नियम 1- एक ही आरटीआई में कई प्रश्न पूछ लिए जाते थे। आरटीआई मिलने पर...
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