नयी दिल्ली : जर्मनी के एक होटल में सीख लेने के बाद देश के प्रमुख उद्योगपतियों में शुमार रतन नवल टाटा ने भले ही यहां के लोगों को खाना न बर्बाद करने की नसीहत दी हो, लेकिन आज भी इस देश में हर साल करीब 244 करोड़ रुपये की लागत के बराबर खाना बर्बाद हो रहा है. चौंकाने वाली बात यह भी है कि इसी देश में रोजाना करीब 19...
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गर्भस्थ शिशु को बाहर निकालने के लिए झोला छाप डॉक्टर की बेटियां दबा रही थीं पेट
फर्जी डिग्रीधारी मेडिकल प्रैक्टिशनर रेखा देवी व उसकी दो बेटियां अकुशल तरीके से प्रसव कराने के आरोप में पुलिस गिरफ्त में हैं. आरोप है कि रेखा की क्लिनिक में प्रसव पीड़ा के दौरान सोमवार की रात 20 वर्षीया आरती देव व उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गयी थी. प्रभात खबर में जच्चा-बच्चा की मौत से जुड़ी खबर प्रकाशित होने के बाद बुधवार का जला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग रेस...
More »पर्याप्त सरकारी मदद के जरिये ही पहुंच सकती हैं सभी तक स्वास्थ्य सेवाएं
भारत के विशाल और विविध भू-भागों में रहने वाली आबादी तक समुचित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती रही है. इसमें बड़ी कमी सरकारों की रही है, जो अपने कुल बजट का महज एक फीसदी तक हिस्सा ही सार्वजनिक स्वास्थ्य मद में खर्च करती रही है. स्वास्थ्य क्षेत्र के समूच परिदृश्य समेत इससे संबंधित अन्य पहलुओं को इंगित कर रहा है आज का वर्षारंभ ... अनंत कुमार एसोसिएट प्रोफेसर,...
More »दलित दर्द की खतरनाक अनदेखी-- तरुण विजय
किसी भी समाज का सबसे बड़ा अपमान उसके दर्द, उसके इतिहास और उसके संघर्ष को नकारना होता है. कश्मीरी हिंदुओं के साथ यही हुआ. तमाम सेकुलर-जेहादियों ने पुस्तकें लिख डालीं कि कश्मीर घाटी से हिंदू अपने सदियों पुराने घर-बागीचे अपनी मर्जी से छोड़ आये, ताकि मुसलमान बदनाम किये जा सकें. आज महाराष्ट्र में दलितों के असंतोष को न तो हल्के ढंग से लेना चाहिए, न ही इसका सारा श्रेय...
More »बहुत कठिन है खेती की राह..जानिए कैसे
भारत में किसानों की दशा दशकों तक नजरअंदाज किये जाने के कारण अब बुरी तरह बिगड़ चुकी है. सरकार ने खेतिहरों की आय दोगुना करने तथा उपज का उचित दाम दिलाने का वादा किया है, जिसे पूरा करने की दिशा में इस साल कुछ ठोस कोशिश की उम्मीद है. खेती को फायदेमंद पेशा बनाने, फसलों के सही मूल्य दिलाने, कर्ज से राहत आदि की प्राथमिकताएं इस साल हैं. इस संबंध...
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