प्रदेश में गेहूं-धान के फसली चक्र को तोड़ने के लिए दालों की काश्त अहम भूमिका निभा रही है। किसानों का रुझान प्रतिदिन दालों की काश्त की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश में दालों की खेती के तहत 80 फीसदी के करीब रकबा बढ़ने की संभावना है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक दालों की बिजाई के लिए जुलाई के शुरुआती दिन फायदेमंद हैं। मांह दाल की किस्में मांह-114, मांह-1-1 व मांह-338 बीजना...
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खाद्यान्नों के निर्यात पर जोर नहीं दे रहा कृषि मंत्रालय
नई दिल्ली। कृषि मंत्री शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि उनका मंत्रालय प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक के मद्देनजर खाद्यान्नों के निर्यात पर जोर नहीं दे रहा है। पवार का यह बयान ऐसे समय आया है जब खाद्य मंत्री के वी थामस ने कहा है कि उनका मंत्रालय खाद्यान्नों के रिकार्ड उत्पादन और भंडारण समस्या की वजह से गेहूं और चावल के सीमित मात्रा में निर्यात के खिलाफ नहीं है।...
More »उपेक्षित रही है पहाड़ की खेती: राधा भट्ट
पहाड़ की खेती सदा उपेक्षित रही है। कड़ी मेहनत के बावजूद यहां के काश्तकारों के लिए खेती लाभकारी नहीं बन सकी। यह बात गांधी शांति प्रतिष्ठान नई दिल्ली की अध्यक्ष राधा भट्ट ने कही। सुश्री भट्ट विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 88वें स्थापना दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहीं थीं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि पहाड़ का काश्तकार का परिवार पलायन करता आया है। एक तो...
More »असल संत की अंत कथा- आशीष खेतान और मनोज रावत
गंगा को लेकर संतों और खनन माफिया के बीच छिड़ी लड़ाई में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक नहीं बल्कि बार-बार और खुल्लमखुल्ला खनन माफिया का साथ दिया है. स्वामी निगमानंद की मौत के पीछे का सच सामने लाती आशीष खेतान और मनोज रावत की विशेष पड़ताल बाबा रामदेव को ध्यान खींचने की कला आती थी. स्वामी निगमानंद के पास यह हुनर नहीं था. इसलिए एक ओर रामदेव विदेशों में जमा...
More »दोहरी मार इधर भी, पथराई आंखें, अटकी बुआई
नागपुर. एक सप्ताह से आसमान में डेरा डाले बादलों के बरसने की प्रतीक्षा में किसानों की आंखें पथरा गई हैं। यदि 24 घंटे में भारी बारिश नहीं हुई तो उन किसानों के सामने दोबारा बुआई की नौबत आ जाएगी, जो खेतों में हल चला चुके हैं। जिले में 1 लाख 38 हजार 832 हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की गई है। सिर्फ 29.8 प्रतिशत बुआई हुई। वास्तव में जिले में खरीफ...
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