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कल राज्य अपना सकते हैं नई राष्ट्रीय जल नीति

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय जल संसाधन परिषद कल राष्ट्रीय जल नीति-2012 के मसौदे को स्वीकार कर सकती है. यह नीति जल के संदर्भ में एक व्यापक राष्ट्रव्यापी कानूनी संरचना विकसित करने पर जोर देती है. इस मसौदे की घोषणा सरकार ने इस साल जनवरी माह में की थी. राष्ट्रीय जल बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर दो बार इसमें संशोधन भी किए गए. कल प्रधानमंत्री की अध्यक्षता...

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भारतीयों की औसत उम्र बढ़ी

नयी दिल्ली: आपके लिये एक अच्छी खबर. हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक भारतीयों की उम्र लंबी हो गयी है. 1970 के मुकाबले जन्म के समय से भारत के पुरुषों का जीवन विस्तार 15 साल और महिलाओं की 18 साल बढ़ गयी है. सर्वे के मुताबिक हमारे देश में एक औसत पुरु ष 63 साल तक जीता है जबकि एक महिला तकरीबन 68 साल तक जीती है. लंबी उम्र का...

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विकास की मरीचिका- शिवदयाल

जनसत्ता 12 दिसंबर, 2012: व्यापार और युद्ध-अभियान- सभ्यताओं के बीच संपर्क के यही दो प्रमुख माध्यम रहे हैं। यों, आप्रवास को भी एक माध्यम गिना जा सकता है, सबसे आदि कारण, जिसमें एक स्थान पर बसने वाला आदि मनुष्य-समूह भोजन या संसाधनों की खोज में एक स्थान से दूसरे स्थान पर विचरता था, लेकिन इसकी परिणति भी अंतत: युद्धों और समझौतों में ही होती थी। बाद में सभ्यता के विकास के साथ...

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अवैध कालोनियों में रहने वाले लोग मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का आवास घेरने की तैयारी में

जनसत्ता संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी की झुग्गी-बस्तियों, गांव, अनधिकृत नियमित कालोनियों और पुनर्वास कालोनियों में रहने वाले लाखों लोगों की मांगों को लेकर छह जनवरी को दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के सरकारी आवास पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे होंगे। और सरकार को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए चेताएंगे। दिल्ली विकास मोर्चा के बैनर तले होने वाली इस रैली की कमान पूर्व विधायक और मोर्चा के अध्यक्ष रामवीर सिंह विधूड़ी...

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जाति की दीवारों से घिरे लोग - ज्यां द्रेज

एक बार मैं रीवा जिले की एक दलित बस्ती में गया। बस्ती की चारों तरफ ऊंची जाति के किसानों के खेत थे और इन किसानों ने बस्ती तक जाने के लिए कोई रास्ता देने से इनकार कर दिया था। बस्ती के अंदर छोटी-छोटी सड़कें थीं, लेकिन ये सड़कें बस्ती के आखिरी छोर पर आकर अचानक खत्म हो जाती थीं। वह बस्ती उस टापू की तरह लग रही थी, जो चारों...

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