नयी दिल्ली : विश्वबैंक सरकार के स्वच्छ भारत अभियान में एक अरब डालर दे सकता है. विश्वबैंक के भारत में क्षेत्रीय प्रमुख ओनो रुल ने कहा कि विश्वबैंक इस अभियान के लिये बडी राशि देने पर विचार कर रहा है. उन्होंने कहा, सरकार से उच्चस्तर पर हमसे इसे तेजी से इसे तैयार करने को कहा गया है. हमारी टीम दिन-रात इस पर काम कर रही है. रुल ने निजी टेलीविजन चैनल...
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और बढ़ेगी अमीरी-गरीबी की खाई, 2016 तक एक प्रतिशत लोगों के पास होगी 50% दौलत
गैर सरकारी संस्था ऑक्सफैम के सर्वे में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. सर्वे में कहा गया है कि 2016 में दुनिया की आधी दौलत यहां के केवल एक प्रतिशत लोगों के पास होगी. सर्वे में कहा गया है कि इन एक प्रतिशत लोगों की संपत्ति में इस एक साल में दोगुणी बढ़ोतरी हो जायेगी. ऑक्सफैम के अनुसार जहां 2009 में इन लोगों की सम्पत्ति में 44 फ़ीसदी की...
More »कर्ज लेकर घी पीने से नहीं बनेगी बात - डॉ. भरत झुनझुनवाला
चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है। हमने चीन से 54 अरब डॉलर के आयात किए, जबकि निर्यात मात्र 17 अरब डॉलर के किए। इस घाटे को पाटने के लिए सरकार ने चीन से आग्रह किया है कि वह भारत में विदेशी निवेश बढ़ाए। गत वर्ष शी जिनपिंग की भारत यात्रा के दौरान चीन ने गुजरात तथा महाराष्ट्र में औद्योगिक क्षेत्रों, हाईस्पीड ट्रेनों तथा दिल्ली-चेन्न्ई कॉरिडोर...
More »सालभर मिलने वाले भुट्टों के लिए प्रसिद्ध हुआ छत्तीसगढ़ का गांव
अनंगपाल दीक्षित, अंबिकापुर(निप्र)। छत्तीसगढ़ में कटनी-गुमला नेशनल हाइवे क्रमांक 43 पर स्थित सरगुजा जिले का सिलसिला गांव को यहां के मेहनतकश किसानों ने वर्ष भर स्वादिष्ट भुट्टे के लिए प्रसिद्घ कर दिया है। इस मार्ग पर आने-जाने वाले हर वाहन का पहिया सिलसिला में थम जाता हैं हर कोई यहां के किसानों की मेहनत से पैदा किए गए भुट्टे का स्वाद लेने लालायित रहता है। हर रोज इस छोटे से...
More »आठवीं के चार लाख बच्चे नहीं जानते जोड़ना-घटाना
रायपुर (निप्र)। छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा की हालत बहुत खराब है। कक्षा आठवीं के करीब चार लाख बच्चों को जोड़-घटाना नहीं आता। यानी 75 फीसदी बच्चे दहाई अंकों को जोड़-घटा नहीं सकते। आठवीं के 1.5 फीसदी बच्चे 1 से 9 तक के अंकों को पहचान नहीं पाते। इसी तरह 68 फीसदी बच्चे अंग्रेजी के सरल वाक्य भी नहीं पढ़ पाते। आठवीं के 4.8 फीसदी बच्चे अंग्रेजी के कैपिटल लेटर को पहचान...
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