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सरकार अब गांवों के लिए लाएगी हाउसिंग फॉर ऑल स्‍कीम,

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून को हाउसिंग फॉर ऑल (अर्बन) मिशन लांच किया था। अब जल्‍द ही सरकार हाउसिंग फॉर ऑल ( रूरल) स्‍कीम लाने की तैयारी कर रही है। इस स्‍कीम के तहत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में कालोनियों की तरह नियोजित विकास करेगी और लोगों को पक्‍के मकान उपलब्‍ध कराए जाएंगे। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की कमी को दूर करने के साथ साथ शहरों...

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मध्‍यप्रदेश में उन्नति ऐप से बनेगी बैगाओं की कुंडली

बालाघाट(मध्‍यप्रदेश)। एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से नक्सली क्षेत्रों में निवासरत राष्ट्रीय मानव दर्जा प्राप्त आदिवासी बैगाओं के उत्थान के लिए अब 'उन्नति' का सहारा लिया जाएगा। दरअसल, बैगाओं का विकास करने के लिए कलेक्टर ने एक उन्नति नामक एड्राइंड ऐप तैयार किया है। जिसमें बैगाओं का सर्वे कराकर उनकी सारी कुडंली तैयार की जाएगी। बालाघाट के तीन आदिवासी अंचल बिरसा, बैहर, परसवाड़ा जपं के बैगाओं का सर्वे कर उनकी वर्तमान स्थिति...

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अवकाश के दिन भी खटखटा सकते हैं कोर्ट का दरवाजा, मिलेगा न्याय

पीयूष बाजपेयी, जबलपुर। आमतौर पर सभी को ये मालूम है कि अवकाश वाले दिन हाईकोर्ट बंद रहता है, लेकिन न्याय अवकाश वाले दिन भी किए जाते हैं। यदि आप चाहें तो अवकाश के दिन भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर न्याय पा सकते हैं। ताजा उदाहरण तहसील भवन को तोड़े जाने से जुड़ा है। सुबह 11 बजे तहसीली भवन का एक हिस्से को तोड़े जाने की कार्रवाई बीच में रोकना पड़ गई।...

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भारत में गरीबी के खिलाफ लड़ाई- सिद्धार्थ जॉर्ज एवं अरविंद सुब्रमण्यन

बच्चों को स्कूल भेजने और उनके टीकाकरण की शर्त पर गरीब परिवारों को नकद हस्तांतरण योजना ने भारत में गरीबी घटाने और मानव स्वास्थ्य में सुधार का प्रभावी रास्ता दिखाया है। लैटिन अमेरिका को सशर्त नकद हस्तांतरण योजना का जन्मदाता माना जाता है;1990 के दशक के उत्तरार्ध में मैक्सिको में इसकी शुरुआत हुई और अगले एक दशक में यह पूरे ब्राजील में फैल गई। भारत में गरीबी दूर करने में...

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जमीन पर न उतर सकीं अरबों की रेल परियोजनाएं

दिलीप सिंह, अमेठी। सरकार क्या बदली, योजनाओं की रफ्तार भी थम गई यहां। विकास मीलों पीछे और राजनीति कोसों आगे हो गई है। अमेठी व रायबरेली के लोगों की उम्मीदें "राजनीतिक शिकार" हो गई हैं। यहां कभी गाजे-बाजे के साथ शिलान्यास की गई अरबों की रेल परियोजनाओं की शिलाएं अपनी दुर्दशा पर जार-जार रो रही हैं। यह तो बानगी भर है जनाब। न जाने और कितनी योजनाएं अपने पूरा होने की...

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