यह तो मैं समझ सकता हूं कि अपने देश में कुछ लोग उमर खालिद से इत्तिफाक नहीं रखते. मैं यह स्वीकार करने को भी तैयार हूं कि कुछ लोगों के अनुसार उसके विचार राष्ट्रविरोधी हैं. लेकिन, जो कुछ मैं नहीं समझ सकता, वह यह कि चूंकि ये लोग उससे सहमत नहीं हैं, इसलिए वे उसे बोलने नहीं देंगे. और मुझे यह भी मंजूर नहीं कि देशभक्त होने की परिभाषा राष्ट्रीयता...
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पलायन का उर्वर प्रदेश--- हरेराम मिश्र
कुछ दिन पहले की बात है, जब मैं पलायन के परिदृश्य को समझने के लिए उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग यानी ‘पूर्वांचल' के जिलों में पलायन करने वाले कुछ श्रमिकों का ‘इंटरव्यू' कर रहा था। देवरिया जिले में, बातचीत के दौरान, एक श्रमिक ने कहा कि स्थानीय स्तर पर कोई काम-धंधा नहीं मिलता है इसलिए हमें देश के दूसरे हिस्सों में ‘नौकरी' खोजने के लिए जाना पड़ता है। उस श्रमिक...
More »प्राइवेट अस्पतालों में प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे सरकारी डॉक्टर
रायपुर, निप्र। राज्य सरकार ने प्रदेशभर के सरकारी डॉक्टर्स की प्राइवेट प्रैक्टिस के नियम सख्त कर दिए हैं। नियमों के आधार पर कोई भी सरकारी डॉक्टर किसी निजी नर्सिंग होम, क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब में सेवाएं नहीं दे सकता। वह अपने खुद की क्लीनिक में जरूर बैठ सकता है। डॉक्टर्स को इन नियमों के आधार पर अपने-अपने विभाग प्रमुख को 25 फरवरी तक शपथ-पत्र देना होगा, अगर नियमों का उल्लंघन पाया...
More »गांधी के सपनों का स्वराज-- श्री भगवान सिंह
वैसे महात्मा गांधी ‘स्वराज' या ‘स्वराज्य' संबंधी अपनी अवधारणा को जीवनपर्यन्त परिभाषित करते रहे, लेकिन जहां तक मैं समझ सका हूं, हिंदुस्तान के संदर्भ में उन्होंने जिस स्वराज की परिकल्पना की थी, उसके केंद्र में थी गांवों की स्वायत्त, स्वावलंबी अर्थ एवं प्रबंधन सत्ता। उनकी दृष्टि में गांवों की संपन्नता में ही देश की संपन्नता तथा गांवों की स्वायत्त पंचायती व्यवस्था में ही देश की सच्ची प्रजातांत्रिक छवि अभिव्यक्ति पा...
More »विषमता की दुनिया-- धर्मेंन्द्रपाल सिंह
दावोस में विश्व आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम) की बैठक से ठीक पहले आर्थिक असमानता पर जारी आॅक्सफेम रिपोर्ट चौंकाती है। ‘एन इकॉनमी फॉर 99 परसेंट' नामक इस रिपोर्ट के अनुसार, आज बिल गेट्स, वारेन बफेट जैसे केवल आठ धन्नासेठों के पास विश्व की आधी गरीब आबादी यानी 3.6 अरब जनता के बराबर धन-दौलत है और एक प्रतिशत अमीरों के कब्जे में 99 फीसद संपत्ति है। यह हालत तब है...
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