पंचायत शासन की सबसे निचली इकाई हैं. सरकार गांवों की बेहतरी के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. लेकिन आज भी देश की अधिकतर पंचायतें सूचना क्रांति के इस दौर में भी सरकार की योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए बाबुओं या पंचायत प्रतिनिधियों पर निर्भर है. इन्हीं सब लोगों को सही सूचना मुहैया कराने और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने का बीड़ा उठाया है डिजिटल फाउंडेशन...
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बंद होगी इंदिरा आवास योजना, ग्रामीण आवास मिशन होगा शुरू
नयी दिल्ली: केन्द्र सरकार इंदिरा आवास योजना को खत्म करने की तैयारी कर रही है. सुविधाओं में विकास कर सरकार राष्ट्रीय ग्रामीण आवास मिशन योजना शुरू करेगी. सरकार की सूत्रों की ओर से जानकारी मिली कि ग्रामीण आवास मिशन की घोषणा 15 अगस्त को की जायेगी. इस योजना के तहत बीपीएल परिवार के लोगों को दी जाने वाली आवास योजना में कई सुविधाओं का विकास किया जायेगा. लोगों को आवास...
More »स्वास्थ्य केंद्रों में 85 प्रतिशत तक दवा की कमी
रांची : झारखंड की प्रधान महालेखाकार (पीएजी) मृदुला सप्रु ने बताया कि राज्य सरकार इंदिरा आवास योजना में केंद्र से 256.42 करोड़ रुपये नहीं ले सकी. राज्य के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 26 से 85 फीसदी तक दवा की कमी है. एएनएम और नर्से गांवों में ऐसी दवाएं बांट रही हैं, जिन्हें बांटने का उन्हें कानूनी अधिकार नहीं है. इस दवाओं से मरीजों की जिंदगी पर खतरा हो सकता है....
More »जमीन देनेवालों को पुनर्वासन देने में जुटी राज्य सरकार
कोलकाता: वाममोरचा कार्यकाल के दौरान 2009 में सिलीगुड़ी के कावाखाली में सिलीगुड़ी जलपाइगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) ने सैटेलाइट टाउनशीप बनाने के लिए करीब 302 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया था, इसके बाद एसजेडीए ने जमीन अधिग्रहण कर बंगाल यूनिटेक यूनिवर्सल प्रोजेक्ट लिमिटेड को यहां आवासीय योजना के लिए यह जमीन दे दी थी, लेकिन जमीन अधिग्रहण के बाद से कंपनी ने यहां योजना पर कुछ नहीं किया है. अब तृणमूल कांग्रेस की...
More »चालीस साल बाद भी नहीं पहुंची बिजली
कोरबा (निप्र)। विद्युत संयंत्रों के 5 किलोमीटर की परिधि में आने वाली श्रमिक बस्तियों में मुफ्त बिजली की सुविधा दिए जाने की शासकीय योजना की धज्जियां ऊर्जानगरी में उड़ाई जा रही है। हैरत की बात तो यह है कि बालको एवं विद्युत कंपनी के पूर्व संयंत्र के बीच बसी डबरीपारा बस्ती में आज भी बिजली की सुविधा नहीं पहुंच सकी है। 40 साल पुरानी इस बस्ती में रहने वाले लोग...
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