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बंगाल: आरटीआई ने बताया 122 किसानों ने आत्महत्या की, सरकार के रिकॉर्ड में

द वायर, 13 सितम्बर  सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से खुलासा हुआ है कि पश्चिम बंगाल के एक जिले में किसानों और कृषि कार्यों से जुड़े 122 लोगों की मौत आत्महत्या से हुई है. द हिंदू ने इस संबंध में अपनी एक रिपोर्ट में जानकारी दी है. यह आंकड़ा राज्य सरकार और हालिया जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के विपरीत है. दोनों ने ही अपने आंकड़ों में कृषि...

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अंतिम पड़ाव पर पहुंचा खरीफ सीजन, धान-दलहन का रकबा घटा

डाउन टू अर्थ, 8 सितम्बर खरीफ सीजन की बुआई का समय लगभग समाप्त हो गया है, लेकिन अभी भी पिछले साल के मुकाबले लगभग 22.90 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई नहीं हो पाई है। वहीं दलहन की बुआई भी पिछड़ी हुई है। सबसे अधिक प्रभावित राज्य झारखंड है। यहां लगभग 55 प्रतिशत क्षेत्र में धान की रोपाई नहीं हो पाई है और किसानों ने धान की रोपाई की उम्मीद ही छोड़...

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रागी, कोदो जैसे मोटे अनाज की खेती को बचाने की पहल, जिससे किसानों को मिले उनकी उपज का सही दाम

गाँव कनेक्शन, 7 सितम्बर  रागी, बाजरा जैसे मोटे अनाज की खेती के बाद प्रोसेसिंग के पुराने और परंपरागत तरीकों से न ही सही से अनाज निकल पाता है और न ही बाजार में उसका सही दाम मिल पाता है। ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र, उन किसानों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए मददगार साबित हुआ है जो मोटे अनाज की खेती करते हैं। भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान के निदेशक...

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आखिर क्यों नहीं सुलझ रहा है तीस्ता के पानी पर विवाद?

डी डब्ल्यू हिन्दी, 05 सितम्बर भारत आने से पहले ही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि तीस्ता के पानी पर विवाद समेत कई दूसरे अनसुलझे मुद्दों के कारण बांग्लादेश के लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं. हसीना के पिछले भारत दौरे के दौरानभी उम्मीद की जा रही थी कि तीस्ता के पानी के बंटवारे के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच जमी बर्फ पिघलेगी. हालांकि पश्चिम बंगाल...

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प्रधानमंत्री जी! स्पीति में लगातार कम हो रही है मटर की खेती

डाउन टू अर्थ, 31 अगस्त  अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के स्पीति क्षेत्र की मटर की तारीफ की थी, लेकिन हकीकत यह है कि इस क्षेत्र के किसान जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ सिंचाई के पानी के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं।   समुद्र तल से 3,000 से 4,500 मीटर की ऊंचाई पर बसे 'शीत रेगिस्तान' के नाम से स्पीति क्षेत्र को जाना...

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