अपनी खास भौगोलिक स्थिति के कारण पहचाने जाने वाले मोकामा टाल में इस साल करीब 10 हजार एकड़ जमीन परती छूट गई। स्थानीय लोग बताते हैं कि उनके ज्ञात इतिहास में ऐसा पहली दफा हुआ है। दाल के कटोरे के नाम से मशहूर टाल इलाके में इस बार गंगा नदी का पानी जनवरी के पहले सप्ताह तक जमा रह गया, जो अमूमन सितंबर महीने तक निकल जाता था, इस वजह...
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नदीसूत्रः मुंबई की मीठी नदी का कड़वा वर्तमान और जहरीला भविष्य
-इंडिया टूडे हिंदी मायानगरी मुंबई कुछ महीनों पहले सोशल मीडिया पर आरे के जंगल बचाने जाग गई थी. पर शहर के लोगों ने एक मरती हुई नदी पर कुछ खास ध्यान नहीं दिया. मुंबई ने एक नदी को मौत की नींद सोने पर मजबूर कर दिया है. नाम है मीठी, पर इसका भविष्य और वर्तमान दोनों कड़वा-कसैला है. खुद महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने माना है कि मीठी नदी में अवशिष्ट...
More »दूसरा पहलूः गोली और गाली नहीं, विकास चाहिए
दिल्ली विधानसभा चुनाव में ध्रुवीकरण और विभाजनकारी प्रचार सारी हदों को पार कर गया. मतदाताओं ने इन सबको खारिज कर आप को फिर मौका दे दिया. लेकिन क्या भाजपा अपने इस प्रयोग को दूसरे राज्यों में भी आजमाएगी और भाजपा के लिए शाहीन बाग की राजनैतिक उपादेयता खत्म होने के बाद उसे दिल्ली पुलिस कितने दिन और बर्दाश्त करेगी ? विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के बाद सबसे पहले दिल्ली में...
More »जंग के मैदान में नहीं, वतन के सजदे में हैं शाहीन बाग़ की औरतें
ये बात है गुजरे साल 30 दिसंबर की. कहते हैं वो इन सर्दियों का सबसे सर्द दिन था. शहर दिल्ली में 119 साल बाद इतनी ठंड पड़ी थी कि पारा लुढ़ककर 2 डिग्री को जा पहुंचा था. दक्षिण दिल्ली में यमुना नदी के किनारे बसे मोहल्ले शाहीन बाग में औरतों के धरने का वो 17वां दिन था. सैकड़ों की तादाद में औरतें सीएए और एनआरसी के खिलाफ रीढ़ को कंपा...
More »गंगा पर नया संकट, किसके पाले में सरकार
गंगा के पर्यावरणीय प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए बनी गाइडलाइन के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पर्यावरणीय प्रवाह के नियम बांधों और बैराजों पर लागू होते हैं। नियमों के अनुसार, बांधों और बैराजों को गंगा की प्राकृतिक सफाई और जैव विविधता के लिए निर्धारित मात्रा में पानी छोड़ना होगा। पर्यावरणीय प्रवाह के नियम सितंबर 2018 में गंगा की सफाई और पुनरोद्धार के लिए उत्तरदायी निकाय नेशनल...
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