SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 220

आप कितने सही हैं, डॉ सिंह?- पी साईनाथ( अनुवाद-मनीष शांडिल्य)

प्रिय प्रधानमंत्री जी, मुझे यह जानकर खुशी हुई कि सुप्रीम कोर्ट को ‘‘सम्मानपूर्वक’’ फटकारते हुए आप ने कहा है कि अनाज, सड़ते हुए खाद्यान्न का निपटारा जैसे सभी सवाल नीतिगत मामले हैं. आप बिल्कुल सही कह रहे हैं और बहुत दिनों बाद ऐसा किसी ने कहा है. ऐसा कर आप संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सार्वजनिक बयानबाजी में ईमानदारी लाने की एक छोटी-सी कोशिश कर रहे हैं, जिसकी बहुत कमी महसूस की जा रही थी. बेशक यह...

More »

झारखंड: संगीनों पर सुरक्षित गांव- चंद्रिका की रिपोर्ट

यह उन लोगों की कहानियां हैं, जो आजादी, इंसाफ और शांति के साथ जीना चाहते हैं. अपने गांव में खेतों में उगती हुई फसल, अपने जानवरों, अपनी छोटी-सी दुकान और अपने छोटे-से परिवार के साथ एक खुशहाल जिंदगी चाहते हैं. लेकिन यह चाहना एक अपराध है. अमेरिका, दिल्ली और रांची में बैठे हुक्मरानों ने इसे संविधान, जनतंत्र और विकास के खिलाफ एक अपराध घोषित कर रखा है. उनकी फौजें गांवों...

More »

गरीबों के पैसों से आंदोलन!- तवलीन सिंह

प्रधानमंत्री ने अपने खास उदारवादी अंदाज में गैरसरकारी संस्थाओं (एनजीओ) को फटकार क्या लगाई कि हाय-दुहाई मच गई। वही संस्थाएं जो बेझिझक आरोप लगाती हैं राजनीतिकों पर, पत्रकारों पर, उद्योगपतियों पर और न जाने किस किस पर। जब उनकी बारी आई, तो हल्ला मचाना शुरू कर दिया। क्या सिर्फ एनजीओ ही हैं इस विशाल देश में, जो दूध के धुले हैं? क्या उनसे इतना भी नहीं पूछा जा सकता कि...

More »

हादसों की सड़क- राम प्रताप गुप्ता

देश में पिछले कुछ वर्षों में तेज गति वाले वाहनों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इससे सड़क दुर्घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं। यहां सालाना करीब तीन लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1,10,000 से अधिक लोग मारे जाते हैं और 16 लाख से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं। सड़क दुर्घटनाओं में हताहतों की आठ प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ोतरी हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन...

More »

पूर्वोत्तर की बदलेगी तसवीर- मणिशंकर अय्यर

दिल्ली के नए अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल से यह हमारी पहली उड़ान थी। कॉमनवेल्थ खेलों के लिए बनाए गया यह टर्मिनल उसी की तरह बेहद खर्चीला, कल्पनातीत ढंग से नकली और कृत्रिम सजावट के कारण भड़कीला है। टूटे-फूटे टाइल्स, धब्बों से भरी और उखड़ती दीवारें तथा घटिया फर्श को छिपाते वे भद्दे कालीन बदतर कामकाज के ही उदाहरण हैं, जो यात्रियों के रास्ते में उनकी ट्रालियों के साथ खिंचे चले आते हैं।...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close