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ईंधन व फलों के महंगा होने से थोक महंगाई दर अप्रैल में बढ़कर 3.18 फीसदी

देश के थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर अप्रैल 2018 में 3.18 फीसदी रही। यह दर मार्च 2018 में 2.47 फीसदी थी। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2017 में महंगाई दर 3.85 फीसदी रही थी। आज जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति अप्रैल 2018 में 0.87% रही। अप्रैल महीने में सब्जियों में अपस्फीति 0.89 % रही जबकि इससे पहले महीने में...

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रोजगार और सामाजिक सुरक्षा-- अनुज लुगुन

मई दिवस का सप्ताह श्रमिकों के संघर्ष के इतिहास, उनके अधिकार और भविष्य में उनकी स्थिति के विश्लेषण, बहस और नारेबाजी का सप्ताह बन जाता है. ‘दुनिया के मजदूरों एक हो' के बुलंद नारों के साथ यह धीरे-धीरे अगले मई दिवस तक के लिए गुम हो जाता है. श्रम और उसके मूल्य का संबंध मानव समाज के इतिहास के साथ जुड़ा हुआ है. विभिन्न समय में यह अलग-अलग रूपों...

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श्रम के भूमंडलीकरण की जरूरत-- कृष्णप्रताप सिंह

विडंबना देखिए कि भूमंडलीकरण के भरपूर व्याप जाने के बावजूद दुनिया के कई देशों में मजदूर दिवस सरकारी छुट्टी का दिन है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के संस्थापक सदस्य भारत में नहीं. ऐसा क्यों है? दरअसल, 19वीं शताब्दी के नौवें दशक तक मजदूर अत्यंत कम व अनिश्चित मजदूरी पर सोलह-सोलह घंटे काम करने को अभिशप्त थे. सन् 1810 के आसपास ब्रिटेन में उनके सोशलिस्ट संगठन ‘न्यू लेनार्क' ने राबर्ट ओवेन...

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अर्थशास्त्रियों-समाजशास्त्रियों ने नीति आयोग को कटघरे में खड़ा किया, PM मोदी से की सीइओ को हटाने की मांग

पटना : नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत द्वारा बिहार के कारण देश को पिछड़ा बताये जाने पर राज्य के अर्थशास्त्रियों और समाजशास्त्रियों ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी है. बिहार निवासी समाजशात्री-अर्थशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नीति आयोग के सीईओ को तत्काल हटाये जाने की मांग की है. मालूम हो कि मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक व्याख्यान के दौरान उन्होंने कहा था, ‘‘बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़,...

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कैसे आया दिल्ली के सरकारी स्कूलों में इतना बड़ा बदलाव?-- प्रीति प्रसाद

साल 2014 के जनवरी महीने की बात है. तब आह्वान ट्रस्ट ने उत्तर दिल्ली के पांच सर्वोदय विद्यालयों में काम करना शुरु किया. मकसद था प्री-प्राइमरी और प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को इस किस्म से मदद पहुंचाना कि वे स्कूल के बच्चों के लिए सबसे बेहतर मार्गदर्शक साबित हों. हम जिन जीवन-मूल्यों को भावी पीढ़ी में देखना चाहते हैं, उन मूल्यों का साकार रूप बनकर इन शिक्षकों को दिखाना था....

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