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प्रमुख जलाशयों में पिछले वर्ष से नौ फीसद अधिक पानी

नई दिल्ली। देश के 91 प्रमुख जलाशयों में कुल क्षमता के 61 प्रतिशत पानी का भंडारण हो गया है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गई। इसके अनुसार 18 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में इन जलाशयों में 71.556 अरब क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी था। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि से नौ प्रतिशत ज्यादा है। इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 157.799 बीसीएम है। मंत्रालय के अनुसार...

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साक्षरता और समृद्धि से भी बढ़ी मुकदमों की संख्या

भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर ने कहा है कि देश के विभिन्न न्यायालयों में लम्बित पड़े मामलों का सम्बंध प्रत्यक्ष तौर पर साक्षरता व समृद्धि से भी है। ऐसा विभिन्न अध्ययनों में सामने आया है। उन्होंने कहा कि जहां लोग शिक्षित हैं, वहां वह अपने अधिकारों के प्रति ज्यादा जागरूक है और उच्च साक्षरता दर के कारण अपनी छोटी-छोटी शिकायतों के लिए भी अदालतों की शरण लेते...

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मानसून पड़ गया कमज़ोर 28 प्रतिशत कम बारिश दर्ज

देशभर में बीते सप्ताह की अोर अगर नज़र दौड़ाई जाये तो दक्षिण-पश्चिम मानसून अब कमज़ोर पड़ती जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार पिछले सप्ताह देश में सामान्य से 28 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गयी। हिमाचल के अधिकांश इलाकों तथा जलग्रहण क्षेत्रोें में पिछले एक सप्ताह से बारिश नहीं हुई है। कहीं-कहीं हल्की बूदें पड़ी। मौसम विभाग के अनुसार पंजाब तथा हरियाणा में अगले 2 दिनोें में बारिश होने के...

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बाढ़ के पानी में है जलसंकट का समाधान-- अनिल जोशी

दुनिया की बड़ी चर्चाओं में पानी और पर्यावरण दो प्रमुख मुद्‌दे हैं। वैसे पानी भी पर्यावरण का ही हिस्सा है पर अब यह सालभर चर्चाओं में रहता है। गर्मी आते ही देश-दुनिया में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाती है और इसके जाते ही पानी-पानी से त्राहि मच जाती है। इस बार देश के 11 राज्यों के 33 करोड़ लोगों ने सीधे पानी की मार झेली है। इससे पहले जलसंकट...

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फसल का नहीं खेती का बीमा हो!-- बिभाष

खेती की जब बात आती है, तो सभी आकाश की ओर ताकते हैं. अगर माॅनसून का समय और उसकी मात्रा उचित या पर्याप्त नहीं है, तो राजनीति की गति और दिशा दोनों बदल जाती है. बजट से लेकर बाजार तक सब आकाश ही निहारते हैं. कृषि में जोखिम प्रबंध बहुत ही कमजोर है.  हरित क्रांति का चाहे जिस तरह से विश्लेषण या आलोचना करें, लेकिन उसने हमारी कृषि को तात्कालिक...

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