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मुर्दो के बीच जिंदों का आशियाना

मुजफ्फरपुर [मो. शमशाद]। यह मुर्दो का घर है। दुनिया इसे कब्रिस्तान के नाम से जानती है। हयात पूरी होने के बाद अपनों के कंधों पर लोग जनाजे की शक्ल में आकर यहां दफन हो जाते हैं। मगर, कुछ बदनसीब ऐसे भी हैं, जो हैं तो जिंदा मगर इनका आशियाना इन्हीं मुर्दो के बीच है। जी हां, यह उनकी मजबूरी है। कहीं आसरा नहीं मिला तो कब्रिस्तान को ही बना डाला घर। इस सच्चाई को...

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अररिया के सामाजिक अंकेक्षण में भ्रष्टाचार का खुलासा

आखिरकार बिहार ने कर दिखाया। बिहार में सफल सामाजिक अंकेक्षण का यह काम हुआ अररिया जिले के जमुआ पंचायत में और वह भी तब, जबकि जोर-जबर्दस्त भी हुई और धमकी भी बदस्तूर दी गई। तकरीबन दो हजार ग्रामीणों ने निर्भय होकर इस अंकेक्षण में भाग लिया और अधिकारियों, नागरिक संगठन के नुमाइन्दों के सामने अपनी बात ऱखी। इस सामाजिक अंकेक्षण से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। पंचायत के रिकार्डों से झूठे मस्टररोल और...

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पांच अनाथ बच्चों की कब बदलेगी किस्मत?

इंद्री, संवाद सहयोगी : पहले मां फिर पिता का साया उनके सिर से उठ गया। उम्र इतनी नहीं है कि वे अपने पैर पर खड़ा हो जाएं। इस दयनीय हालात में सरकारी अमले की कार्रवाई भी उन्हें राहत देने के बदले नुकसान पहुंचा रहा है। यह कहानी है गाव खेड़ा में रहने वाले पाच बच्चों की। वे तीनों अनाथ हैं। जिस बीपीएल कार्ड के कारण इस परिवार का पक्का मकान बना था, अब...

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ये बेहाल सूरतें लेकिन गहरी नींद में है समाज

छपरा [कृष्णकांत]। 'खिलौना जान कर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो..।' बहुत दुश्मन दौर के गहरे धंसी टीस का बेतरतीब बयान है यह गीत- फिल्म 'खिलौना' का। गाना मशहूर अभिनेता स्व. संजीव कुमार पर फिल्माया गया था-जो अब रीयल लाइफ में भी कई ऐसे लोगों पर घट रहा है, जिनकी रातें बेचैनियों में कटीं। वे सुखिया नहीं है कि खाते और सोते। दुखिया है इसलिए कि जाग गये, जान गये। अब रो-रो कर असहज...

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नौ की लकड़ी और नब्बे खर्च

लखनऊ, 21 दिसम्बर : रोडवेज प्रशासन के खेल भी निराले हैं। पहले तो अपने यहां तैयार होने वाली बसों को खारिज किया। फिर वर्कशॉप में 13 से 14 लाख की लागत में बनने वाली एसी बस 27 लाख में खरीदी। अब उन्हीं बसों को नॉन एसी में बदलने के लिए करीब साठ लाख रुपये खर्च किया जा रहा है। अब इससे जनता की गाढ़ी कमाई बेकार जाती रहे तो जाए, अधिकारियों की सेहत पर...

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