आज के दौर में अलग-अलग रोगों के लिए निजी अस्पतालों की पूरे देश में बाढ़-सी आ गई, पर इनमें इलाज कितना अच्छा हो रहा है, उसकी पड़ताल आवश्यक है। यह भी देखने में आया है कि इन अस्पतालों में इलाज कराना आम जनता के बस की बात नहीं है। दूसरी ओर, सरकारी अस्पतालों की दिनोंदिन खस्ता होती हालत से इलाज के अभाव में गरीब जल्द ही इस दुनिया से विदा...
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गोदान : किसान की शोकगाथा--- . गोपाल प्रधान
‘गोदान’ के प्रकाशन के 75 साल पूरे हो गए हैं लेकिन भारत का देहाती जीवन आज भी लगभग उन्हीं समस्याओं और चुनौतियों से घिरा दिखता है जिनका वर्णन मुंशी प्रेमचंद के इस कालजयी उपन्यास में हुआ है. गोपाल प्रधान का आलेख सन 1935 में लिखे होने के बावजूद प्रेमचंद के उपन्यास 'गोदान' को पढ़ते हुए आज भी लगता है जैसे इसी समय के ग्रामीण जीवन की कथा सुन रहे हों....
More »समझौते के मूड में सरकार, अन्ना पक्ष भी तैयार
केंद्र और टीम अन्ना के बीच सुलह का रास्ता साफ होता दिख रहा है. सरकार ने लोकपाल पर वार्ता के लिए अपनी ओर से जयराम नरेश, एंटोनी का नाम दिया है, जिस पर टीम अन्ना तैयार हो गयी है. इससे पहले अन्ना ने कहा था कि वे पीएम और राहुल गांधी से ही बात करेंगे और किसी से बात नहीं करेंगे. इधर आध्यात्मिक गुरू भय्यू जी महाराज ने अन्ना को...
More »झारखंड के 48 गांवों पर बंगाल-बिहार का दावा
रांची झारखंड के 48 गांवों पर पश्चिम बंगाल और बिहार ने दावा ठोक दिया है। पं. बंगाल ने 46 तो बिहार ने दो गांवों पर दावा ठोका है। ये गांव साहेबगंज और राजमहल अंचल के हैं जहां की आबादी करीब 42 हजार है। विशेषज्ञों का कहना है कि गंगा में कटाव के कारण धारा बदलने से इन दोनों राज्यों को भ्रम हो गया है। मालदा व कटिहार जिले के कलक्टरों ने...
More »मप्र में दर्ज हुई लाडलियों की संख्या में तेज गिरावट
भोपाल। मौजूदा सरकार भले ही प्रदेश में लाडली लक्ष्मियों को पूज रही है, लेकिन जनगणना के ताजा आंकड़े बताते हैं कि बच्चियों के मामले में प्रदेश में हालात अच्छे नहीं है। प्रदेश में 0 से 6 साल के बच्चों में लिंगानुपात में पिछली जनगणना के मुकाबले 20 अंकों की गिरावट आई है। शहरी क्षेत्रों में तो यह अनुपात 897 पर पहुंच गया है। प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब...
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