अंतरराज्यीय प्रवासी श्रमिक (नियोजन एवं सेवा शर्त विनियमन) अधिनियम 1979 के मुताबिक काम के लिए दूसरे राज्य जाने वाले मजदूरों का पंजीयन अनिवार्य है. इसके साथ ही पांच या पांच से अधिक मजदूरों को राज्य से बाहर काम पर ले जाने वाले ठेकेदार या एजेंट के पास भी लाइसेंस होना चाहिए. लेकिन, इस कानून का पालन नहीं होता है. कानून एवं नियम के मुताबिक जिन पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को निबंधन...
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मजबूरी में पलायन करते हैं झारखंडवासी
इटली, मलेशिया, चीन और अब साउथ कोरिया में जनसंख्या और पलायन जैसे विषय पर शोधपत्र प्रस्तुत कर चुके कुणाल केसरी झारखंड के लोहरदगा जिले के रहने वाले हैं. वे इंटरनेशलन इंस्टीटय़ूट फोर पॉपुलशन साइंस मुंबई के सीनियर रिसर्च फेलो रह चुके हैं और फिलहाल मौसमी पलायना पर पीएचडी कर रहे हैं. वे झारखंड छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तरप्रदेश में हर साल होने वाले मौसमी पलायन पर रिसर्च कर रहे हैं....
More »यहां आजादी के 66 बरस बाद जला पहला 'बल्ब'
यह अनियोजित विकास का ही नतीजा है कि आजादी के बाद से अब तक राजधानी से सटे निगोहां के दो गांव हरिहरपुर पटसा और जमादारखेड़ा बिना बिजली के अंधेरे में थे। रविवार का दिन दोनों गांवों के ग्रामीणों के लिए बिजली की सौगात के रूप में ढेरों खुशियां लेकर आया। विधायक चंद्रा रावत के उद्घाटन करते ही दोनों गांवों में बिजली चमक उठी इसी के साथ बच्चे, बूढ़े, युवा और महिलाएं सभी एक सुर...
More »सूचना के अधिकार के सात साल- एक जायजा प्रगति का..
आजादी के बाद से अबतक शासन को पारदर्शी बनाने के लिए जो प्रयास हुए उसमें सूचना का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण कदम है। बहरहाल, इस कानून की उल्लेखनी सफलता महज 0.3 फीसदी भारतीयों तक सीमित है। देश की आबादी में बस इतनी ही तादाद सूचना के अधिकार के तहज अर्जी डालती है। सोचिए, उस स्थिति में क्या होगा जब देश की एक या दो फीसदी आबादी अपने शासकों की जवाबदारी तय करने के लिए आरटीआई...
More »दलित-प्रश्न और मीडिया- उर्मिलेश
जनसत्ता 25 अक्तूबर, 2013 : ‘नो वन किल्ड जेसिका’, सिर्फ एक शानदार अखबारी शीर्षक नहीं था। अपराध-दंड प्रक्रिया में व्याप्त विसंगतियों को उद्घाटित कर वह एक जन-अभियान का नारा बन गया, जिसने अंतत: कामयाबी हासिल की। लेकिन मध्य बिहार के लक्ष्मणपुर-बाथे में मारे गए दलित-उत्पीड़ित तबके के अट्ठावन लोगों के बारे में लंबे इंतजार के बाद नौ अक्तूबर को पटना उच्च न्यायालय का जो फैसला आया, उसके बाद ऐसी आवाजें...
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