नई दिल्ली [विष्णु गुप्त]। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि भोपाल गैस काड के आठ अभियुक्तों को न्यायालय ने दोषी ठहराया है, उन्हें दो-दो साल की सजा सुनाई है या अब भोपाल गैस काड के पीड़ितों को न्याय मिल ही गया। अहम यह है कि भोपाल गैस काड के अभियुक्तों को दंडित करने में 25 साल का समय क्यों और कैसे लगा? न्याय की इतनी बड़ी सुस्ती और कछुआ चाल। क्या गैस...
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इतना प्याज आया कि रखने की जगह कम पड़ गई
प्याज की भारी आवक से मंडी लबालब हो गई। हालात ऐसे बन रहे हैं कि रखने तक की जगह कम पड़ गई। मंगलवार को मंडी प्रशासन ने प्लेट फार्म पर पड़े हजारों कट्टे हटवाए। मंडी में किसानों को अपना माल सुरक्षित बेचने में कठिनाई नहीं आए इसे दृष्टिगत रखते हुए व्यापारियों से भी अनुरोध कर प्याज हटवाने की कार्रवाई की गई। सप्ताह भर में करीब ८० हजार कट्टे प्याज की आवक हुई। व्यापारियो ने मंडी...
More »रेतीले धोरों में दिखी नदियां
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान फेत के कारण राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में रहने वाले लोगों ने भी दो दिन तक बाढ़ का नजारा देखा। रेतीले धोरों में कभी पानी दूर-दूर तक नजर नहीं आता वहां पानी की नदियां देखकर लोगों को ताज्जुब हुआ। हालांकि तेज बारिश का दौर आज पूरे राजस्थान में ही थम गया। सुबह जरूर प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में बारिश हुई, लेकिन शाम तक...
More »समृद्ध वन्यजीवन वाले उत्तर प्रदेश के एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान की सांस फूल रही है. हिमांशु बाजपे??
उम्मीदों का उजास और निराशा की स्याही दुधवा नेशनल पार्क के दो छोर हैं. इनके बीच में ज़िंदगी के जितने रंग हैं, वे सब देखने को मिलते हैं. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले में स्थित दुधवा की सैर करते हुए जल्दी ही अहसास हो जाता है कि पार्क में सब कुछ उतना ठीक नहीं है जितना पहली नजर में लगता है. हरे-भरे दुधवा के वन्य जीवन को पेड़ों की अंधाधुंध कटाई...
More »पानी, जहर और जीडीपी-- देविंदर शर्मा
इस चिलचिलाती गरमी में पानी का मुद्दा गरमाया हुआ है. जैसे-जैसे तापमान चढ़ रहा है और प्रमुख जलस्त्रोत सूखते जा रहे हैं, दिन-ब-दिन पीने के पानी को लेकर खून बहने लगा है. अपनी रोजमर्रा की जरूरत भी पूरी न होने से गुस्साएं प्रदर्शनकारी सड़कों पर निकल रहे हैं. आने वाले महीनों में, पानी की अनुपलब्धता सुर्खियों में रहने वाली है. जल संकट पिछले 15 सालों से खतरे की घंटी बज रही है,...
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