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आर्थिक संकट की गहराई- अरुण कुमार

आर्थिक मोर्चे पर हमारा देश इस समय बाहरी और घरेलू, दोनों तरह की चुनौतियों से जूझ रहा है। अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों में अमेरिका-चीन, अमेरिका-यूरो जोन और अमेरिका-मेक्सिको के बीच जारी ‘ट्रेड वार' (कारोबारी जंग) महत्वपूर्ण तो हैं ही, भारत पर सीमा शुल्क लगाने संबंधी अमेरिकी चेतावनी भी खासा महत्व रखती है। अमेरिका ने ईरान, वेनेजुएला, रूस जैसे तेल-उत्पादक देशों पर भी प्रतिबंध लगा दिए हैं, जबकि इराक, सीरिया, यमन, लीबिया, नाइजीरिया,...

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किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के फायदे बताने के लिए झारखंड के गांवों में खेती करेंगे कृषि विशेषज्ञ

रांची : जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है, देश और दुनिया में खेती योग्य जमीन (Agricultural Land) लगातार कम हो रही है. ऐसे में किसानों (Farmers) की आय (Income) बढ़ाना सरकार के सामने एक चुनौती है. नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय (Farmers Income) दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए कई उपाय किये जा रहे हैं. झारखंड सरकार इन उपायों को लागू...

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झारखंड: 9 साल में वज्रपात से 1568 लोगों की मौत

रांची : झारखंड में पिछले नौ साल में वज्रपात से 1568 लोगों की मौत हुई है. आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों पर गौर करें, तो वित्तीय वर्ष 2016-17 में मौत की संख्या 265 तक पहुंची है. प्रदेश में वज्रपात को राज्य सरकार ने विशिष्ट आपदा घोषित कर रखा है. पीड़ितों के लिए मुआवजे का प्रावधान भी है. लेकिन वज्रपात से बचाव और समय पर लोगों को सूचना देने का तंत्र...

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वैश्विक लैंगिक समानता सूचकांक में ख़राब रहा भारत का प्रदर्शन, 129 देशों में 95वें पायदान पर

नई दिल्ली: वैश्विक स्त्री-पुरुष समानता सूचकांक में भारत 129 देशों में से 95वें पायदान पर है. इस तरह से लैंगिक समानता सूचकांक की हालिया सूची में भारत घाना, रवांडा और भूटान जैसे देशों से भी पीछे है. अधिकतम 100 अंक में से सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के लैंगिक मापदंडों पर विभिन्न देशों के प्रदर्शन के मामले में भारत का स्कोर 56.2 रहा. बता दें कि यह सूचकांक गरीबी, स्वास्थ्य, शिक्षा, साक्षरता, राजनीतिक...

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पर्यावरण है जीने का अधिकार: गोपाल कृष्ण

भारत में पर्यावरण के लिए सबसे बड़ी चुनौती नीतिगत स्तर पर है. पर्यावरण को अगर नुकसान करना बंद कर दिया जाये, तो वह खुद ही सुधरना शुरू कर देता है. एक तरफ तो उसके नुकसान की प्रक्रिया जारी रहती है और साथ ही उसे बचाने की बात होती है. पर्यावरण को नुकसान पहुंचानेवाली नीतियों और परियोजनाओं पर रोक लगायी जाए. उसके बाद ही बचाने के बारे में सोचा जाए. नदी...

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