कोलकाता: हर इंसान की यह इच्छा होती है कि उसके जीवन के आखिरी क्षण अपनों के साथ अपनी धरती पर बीते, पर पश्चिम बंगाल की ऐसी सैकड़ों महिलाएं हैं, जो अपनी आखिरी सांस वृंदावन में लेना चाहती हैं. समाज व धर्म की रुढ़ीवादी मान्यताओं की मारी सैकड़ों विधवाएं वर्षो से वृंदावन की खाक छान रही हैं. ऐसे में सुलभ होप फाउंडेशन ने इन्हें गले लगाया है. इस संस्था ने इन दुखियारी...
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वर्ष 2050 तक वैश्विक आबादी हो जाएगी 9. 7 अरब : अध्ययन
पेरिस। दुनिया की आबादी अभी 7.1 अरब है जो वर्ष 2050 में बढ़ कर 9.7 अरब हो जाएगी और भारत चीन को पीछे छोड़ कर सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। फ्रांस के ‘‘फ्रेंच इन्स्टीट्यूट ऑफ डेमोग्राफिक स्टडीज’’ (आईएनईडी) की एक द्विवार्षिक रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि इस सदी के अंत तक पृथ्वी में लोगों की संख्या 10 से 11 अरब तक होगी। इससे पहले, जून में संयुक्त राष्ट्र के...
More »दमनकारी पितृसत्ता की परतें- विकास नारायण राय
जनसत्ता 27 सितंबर, 2013 : ग्वालियर की एक कार्यशाला में एक कार्यकर्ता ने चंबल क्षेत्र में राज्य सरकार के ‘बेटी बचाओ’ अभियान से चिढ़े अभिभावक की प्रतिक्रिया बताई, ‘‘का हम अपनी मोढिन को मार न सकत।’’ मोढी यानी बेटी। क्या हम अपनी पत्नी को भी नहीं पीट सकते; यह हर भारतीय मर्द की अंदर की आवाज होती है। हर बाप अपनी बेटी को संपत्ति से वंचित करता ही है। हरियाणा में...
More »विकास की आड़ में- अजेय कुमार
जनसत्ता 30 सितंबर, 2013 : यह महज संयोग है कि जिस दिन यानी तेरह सितंबर को सोलह दिसंबर के सामूहिक बलात्कार कांड के चारों दोषियों को अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाई जा रही थी, भाजपा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री पद का अपना उम्मीदवार घोषित कर रही थी। मोदी के राज में ही गुजरात का जनसंहार और हजारों महिलाओं और बालिकाओं की इज्जत से...
More »केंद्रीय ग्रामीण विकास रिपोर्ट 2012-13
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेश ने आज यहां अपने मंत्रालय की 2012-13 की रिपोर्ट जारी की। इस अवसर पर योजना आयोग के सदस्य डॉ. मिहिर शाह और आईडीएफसी फाउंडेशन के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राजीव लाल ने भी रिपोर्ट के मुख्य बिन्दुओं पर प्रकाश डाला। बाद में ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने पर विचार-विमर्श भी हुआ। श्री जयराम रमेश ने सरकारी कार्यक्रमों के अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रभावी नहीं होने...
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