यह हर राष्ट्र का पहला कर्तव्य है कि वह अपना भविष्य संवारने के लिए वर्तमान का लगातार वस्तुनिष्ठ विश्लेषण और तदनुरूप तैयारी करता रहे। लोकतंत्र में सर्वमान्य नीतियों का निर्माण बहुधा कठिन हो जाता है। फिर भी जब राष्ट्र की सुरक्षा खतरे में होती है तो सब मतभेद भुला दिए जाते हैं, उसी प्रकार भविष्य की पीढ़ी को सुचारु रूप से तैयार करने में भी राष्ट्रीय योजनाएं सभी की सहमति...
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स्त्री, सेहत और शौचालय--- नसीरुद्दीन
इसे स्वच्छता का प्रचार मान कर न पढ़ें, वरना नाउम्मीदी हाथ लगेगी! सवाल नजरिये का है. यही वजह है कि खबर की दुनिया में मौलानाओं का समुदाय गलत वजहों से सुर्खियों में ज्यादा जगह पाता है. जब वे कोई समाजी बदलाव की बात करते हैं, तो आम तौर पर उसे कम तवज्जो मिलती है. ऐसी ही एक खबर पिछले दिनों आयी और गुम हो गयी. हरियाणा के नूह इलाके में...
More »बजट 2017-2018 : पॉपुलिस्ट होने से बची केंद्र सरकार, एक अच्छा बजट-- गुरुचरण दास
विमुद्रीकरण की वजह से बीते कुछ समय से जिस तरह से अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता बनी रही है, वैश्विक अर्थव्यवस्था भी अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है, तेल की कीमतें बढ़ रही हैं, हमारे निर्यात की हालत खराब है, इन सबके चलते हम सबको डर था कि यह बजट पूरी तरह से राजनीतिक होगा. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और यह बजट बहुत ही अच्छा रहा. यह भी लोगों...
More »सुधारों को रफ्तार देने का अवसर - संजय गुप्त
इस बार एक फरवरी को जब केंद्रीय वित्त मंत्री आम बजट पेश करेंगे तो यह दो कारणों से एक ऐतिहासिक क्षण होगा। एक तो मोदी सरकार ने दशकों पुरानी परंपरा को समाप्त कर आम बजट को फरवरी के अंतिम सप्ताह के बजाय पहले सप्ताह में पेश करने का निर्णय लिया है और दूसरे, रेल बजट को आम बजट में ही समाहित करने का फैसला किया है। रेल बजट को आम...
More »माता-पिता की सेवा नहीं करेंगे तो हमारे बच्चे भी साथ छोड़ देंगेः कोर्ट
नई दिल्ली। "हम यह भूल गए हैं कि अगर हम अपने माता-पिता की बुढ़ापे में सेवा नहीं करेंगे तो हमारे बच्चे भी हमारे बुढ़ापे में हमारा साथ छोड़ देंगे।"यह टिप्पणी करते हुए दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 74 वर्षीय बुजुर्ग महिला को राहत प्रदान की है। अतिरिक्त जिला जज कामिनी लॉ ने महिला के बेटे व बहू को उसके घर से बाहर निकलने का आदेश दिया है। अदालत ने दंपती...
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