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अब हवा सांस लेने लायक नहीं

दुनियाभर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के खतरनाक प्रभाव का विश्लेषण करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आपातकाल' की संज्ञा दी है. वायु प्रदूषण से बड़ी संख्या में मौताें और बीमारियों से सबसे प्रभावित विकासशील अर्थव्यवस्थाएं हैं, लेकिन विकसित देश भी इससे बेअसर नहीं हैं वैश्विक जनसंख्या का 90 प्रतिशत से अधिक भाग प्रदूषित हवा में सांस लेने के लिए अभिशप्त है. यह अच्छी...

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कामकाजी महिलाओं के लिए देश में दिल्ली असुरक्षित, सिक्किम सबसे बेहतर: रिपोर्ट

नई दिल्ली.भारत में महिलाओं के काम करने की स्थिति के लिहाज से नॉर्थ-ईस्ट का राज्य सिक्किम पहले स्थान पर है। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली सबसे असुरक्षित जगह है। अमेरिकी रिसर्च इंस्टीटयूट सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) और नाथन एसोसिएट्स ने यह रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सिक्किम को सर्वाधिक 40 नंबर मिले। दिल्ली केवल 8.5 नंबर के साथ आखिरी पायदान पर है ।महिलाओं की भागीदारी...

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किसानों के लिए केंद्र सरकार अलग से किसान बजट बनाये : राहुल गांधी

घाटमपुर/कानपुर : कांग्रेस पार्टी को किसानों की हितैषी बताते हुये पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने बड़े- बड़े उद्योगपतियों के कर्ज तो माफ किये लेकिन किसानों की तरफ ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि उनकी केंद्र सरकार से मांग है कि किसान बजट बनाया जाये ताकि यह तय हो कि किसानों को क्या मिलेगा. कांग्रेस उपाध्यक्ष देवरिया से दिल्ली की किसान यात्रा के...

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नवाचारों से ज्यादा जरूरी है बिजली व्यवस्था में सुधार

मनीष वैद्य। बिजली के क्षेत्र में मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना और उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देना, मप्र बिजली वितरण कंपनी और इससे जुड़े विभागों का घोषित उद्देश्य है। मगर खेद है कि ये सब मिलकर भी इस एक उद्देश्य में सफल नहीं हो पा रहे। आंकड़ों का मायाजाल बताता है कि बिजली संबंधी व्यवस्थाएं सुधारने के लिए बीते कुछ सालों में करोड़ों रुपए खर्च किए गए। साथ ही...

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विशाल श्रम बल का लाभ लें-- आकार पटेल

अगले चार वर्षों में भारत में कामकाजी लोगों की संख्या करीब 87 करोड़ हो जायेगी. इस तरह भारत विश्व में सबसे ज्यादा कामकाजी आबादी वाला देश बन जायेगा. जब कोई देश ऐसी स्थिति में होता है, कि वहां कामकाजी आबादी का प्रतिशत उच्च स्तर पर पहुंच जाता है, तब वह कुछ पाने की उम्मीद करने लगता है. ऐसी स्थिति को जनसांख्यिकीय विजाभन (डेमोग्राफिक डिविडेंड) कहते हैं. इसका अर्थ यह...

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