पीर के पर्वत का पिघलाव है यह योगेंद्र यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष, स्वराज इंडिया मध्य प्रदेश के मंदसौर में अपना विरोध व्यक्त करते किसानों पर पुलिस की गोलीबारी किसान आंदोलन के इतिहास में एक नये चरण का आगाज कर सकती है. सरकार के इनकार के बावजूद, अब यह साफ है कि 6 जून को चलीं पुलिस की इन गोलियों ने कम से कम पांच किसानों की हत्या कर दी. वहां की सरकार...
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हरित क्रांति की जमीन पर किसानों की खुदकुशी-- संजीव शर्मा
पंजाब में पिछले एक दशक के दौरान हुई किसान आत्महत्या की घटनाओं ने सरकारी तंत्र पर हमेशा सवाल खडेÞ किए हैं। राज्य में भले ही सत्ता परिवर्तन हो गया है लेकिन किसानों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है। आज भी सूबे के किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। पंजाब में सत्ता परिवर्तन को करीब तीन माह हुए हैं और इन तीन महीनों के दौरान करीब 60 किसान मौत...
More »मवेशी अर्थव्यवस्था पर असर-- रिचर्ड महापात्रा
पशु मंडियों से मवेशियों की खरीद-फरोख्त के बाद मांस के लिए उन्हें काटे जाने को लेकर केंद्र सरकार ने नये नियम बनाये हैं. मद्रास हाइकोर्ट ने सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके बाद इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गयी है. नियम-कानून होने चाहिए, लेकिन सवाल यह है कि नये कानून से मवेशी अर्थव्यवस्था (लाइवस्टॉक इकोनॉमी) पर क्या असर पड़ेगा? इसे समझना होगा, क्योंकि यह सच...
More »स्वच्छ वातावरण का सपना--- विवेक कुमार बडोला
दुनिया में जैसे-जैसे पर्यावरण संकट बढ़ रहा है वैसे-वैसे पर्यावरण के प्रति गंभीर मानवीय चिंता और चिंतन का अभाव भी हो रहा है। सरकारी संस्थाएं और गैर-सरकारी संगठन आधिकारिक रूप से इस संबंध में भले समय-समय पर चिंता प्रकट कर रहे हैं, पर आम लोग अपने स्तर पर पर्यावरण सुरक्षा का उत्तरदायित्व लेने को अब भी तैयार नहीं। अभी कुछ दिन पहले न्यूजीलैंड और भारत स्थित न्यायालयों ने नदियों को जीवित...
More »परंपरागत तरीकों से सूखे की समस्या को मात देते लोग - पंकज चतुर्वेदी
अभी देश से मानसून बहुत दूर है और भारत का बड़ा हिस्सा सूखे, पानी की कमी व पलायन से जूझ रहा है। बुंदेलखंड के तो सैकड़ों गांव वीरान होने शुरू भी हो गए हैं। एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, देश के लगभग सभी हिस्सों में बड़े जल संचयन स्थलों (जलाशयों) में पिछले साल की तुलना में कम पानी बचा है। यह सवाल हमारे देश में लगभग हर तीसरे साल खड़ा...
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