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खेती की सुध कब लेगी सरकार- एम के वेणु

उत्तर और पश्चिमी भारत के किसानों को इस वर्ष के प्रारंभ में तब भारी संकट का सामना करना पड़ा था, जब बेमौसम बरसात के कारण उनकी रबी की पकी फसलें खेतों में बर्बाद हो गई थीं। उस भयावह अनुभव के बाद (जिसने दस एकड़ से कम कृषि भूमि वाले छोटे और मंझोले किसानों की आर्थिक हालात को काफी प्रभावित किया था) अब हम पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्से,...

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हमारी संवेदना का अकाल-- योगेन्द्र यादव

अकेले नहीं आता अकाल. पानी, प्रकृति और समाज के देशज चिंतक अनुपम मिश्र के लेख का यह शीर्षक अपने आप में बहुत कुछ कह जाता है. कुदरत सूखा देती है, अकाल नहीं. हर चौथे-पांचवें साल हमारे देश में बारिश की कमी होती है. लेकिन जरूरी नहीं कि इससे अन्न की कमी हो, पीने के पानी का संकट हो, इंसानों और मवेशियों की जान पर बन आये, खेती-किसानी से जुड़े हर...

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राशन दुकानों का रहेगा ऑनलाइन रिकार्ड, मशीन बताएगी दाम का लेखाजोखा

बैतूल। राशन दुकानों में आगामी 1 अक्टूबर से राशन वितरण पीओएस मशीन के जरिए होगा। इसके लिए जल्द ही हर दुकान में यह मशीन लगा दी जाएगी। मशीन के माध्यम से राशन मिलने के साथ ही उपभोक्ताओं को बिल भी दिया जाएगा। मशीन खुद ही यह बता देगी कि उपभोक्ता को कितना राशन देना है और इसके बदले उससे कितनी राशि लेना है। इससे कोई गड़बड़ी अब नहीं हो सकेगी।...

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राशन दुकानों का रहेगा ऑनलाइन रिकार्ड, मशीन बताएगी दाम का लेखाजोखा

बैतूल। राशन दुकानों में आगामी 1 अक्टूबर से राशन वितरण पीओएस मशीन के जरिए होगा। इसके लिए जल्द ही हर दुकान में यह मशीन लगा दी जाएगी। मशीन के माध्यम से राशन मिलने के साथ ही उपभोक्ताओं को बिल भी दिया जाएगा। मशीन खुद ही यह बता देगी कि उपभोक्ता को कितना राशन देना है और इसके बदले उससे कितनी राशि लेना है। इससे कोई गड़बड़ी अब नहीं हो सकेगी।...

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30 साल के सबसे बड़े सूखे जैसे हालात, घट सकती है GDP की ग्रोथ रेट

नई दिल्ली। अल नीनो की वजह से कमजोर होते मानसून ने देश के कई इलाकों में सूखे जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। ऐसे में लगातार दूसरे साल फसलों के लिए मौसम प्रतिकूल हो गया है। इसका सीधा असर प्रोडक्शन से लेकर इकोनॉमी पर पड़ने की आशंका है। ऐसा इसलिए है, क्‍योंकि करीब 30 साल बाद लगातार दूसरे साल सूखे जैसे हालात बन गए हैं। इकोनॉमिस्ट के अनुसार अगर स्थिति...

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