-बीबीसी, भारत में सबसे अधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी का कहना है कि शुक्रवार की रात से सोमवार सुबह तक प्रदेश में लागू किए जाने वाला प्रतिबंध 'लॉकडाउन' नहीं है. उनके अनुसार ये 'सिर्फ़ रेस्ट्रिक्शन' हैं या यूँ कहा जाये कि एहतियात के तौर पर उठाया गया क़दम हैं, जिससे ना सिर्फ़ कोरोना वायरस, बल्कि डेंगू, कालाज़ार, इन्सेफ़ेलाइटिस और मलेरिया जैसे रोगों के संक्रमण को फैलने से...
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आर्मी की महिला अफ़सरों को उनका अधिकार देने में भारत सरकार और देर करने वाली है?
-लल्लनटॉप, भारतीय थल सेना में महिला अफ़सरों को परमानेंट कमीशन मिलने में थोड़ा समय और लग सकता है. फरवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिए थे कि सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन दिया जाए. आदेश था कि तीन महीने के भीतर उन महिला अफसरों को परमानेंट कमीशन दिया जाए, जो इसे चुनना चाहती हैं. मियाद पूरी हो गयी. कोरोना और लॉकडाउन जैसी चीज़ें सिर पर. फ़ैसला लागू...
More »एक नागरिक के तौर पर प्रवासी
-न्यूजक्लिक, हम अपने देश के इतिहास में सबसे डरावनी घटना के गवाह बने हैं। इस डरावनी घटना को एक राज्य से दूसरे राज्यों में अपने घरों में वापस लौटते मज़दूरों के दृश्य बयां कर रहे हैं। अनुमान है कि लॉकडाउन के चलते 2,71,000 फैक्ट्रियों और साढ़े छ: से सात करोड़ लघु और सूक्ष्म धंधे रुक गए, जिसके चलते करीब़ 11 करोड़ चालीस लाख नौकरियां चली गईं। इसमें 9 करोड़ 10 लाख...
More »कोरोना के बीच सरकारी वादे और जल संकट
-वाटर पोर्टल, पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस की चपेट में है। तीन लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं, जबकि 15 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। चीन, इटली, यूएसए, स्पेन आदि विकसित देश कोरोना के प्रकोप से बूरी तरह प्रभावित हैं। इटली ने लगभग हार ही मान ली है। तो वहीं पाकिस्तान में भी अब कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। भारत में भी कोरोना...
More »फैक्ट चैक : कोरोनावायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार के दस बड़े झूठ
-कारवां, 24 मार्च को जब केंद्र सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो सरकार के प्रतिनिधियों और मंत्रियों ने अपनी राजनीति को सही ठहराने और आलोचना से पल्ला छुड़ाने के लिए जनता के बीच लगातार आधी-अधूरी और झूठी बातें प्रचारित की. अधिकारियों ने जो दावे किए उनमें से कई जमीनी रिपोर्टों से मेल नहीं खाते. देश के कई हिस्सों में भूख और भुखमरी...
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