कुछ ही दिनों में केंद्र सरकार अपने 100 दिन पूरे करने का जश्न मना रही होगी। तमाम विश्लेषक अपनी तरह से समीक्षा में लग जाएंगे, परंतु अब तक के कार्यकाल में एनडीए सरकार ने अपनी नीति से आने वाले खराब दिनों की तस्वीर दिखाकर किसानों को डराने का ही काम किया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण नई सरकार द्वारा किए गए समर्थन मूल्य की घोषणा है। लोकसभा चुनाव के दौरान...
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महंगी हो सकती है पीडीएस की चीनी
केंद्र सरकार राज्यों को पीडीएस के तहत बिकने वाली चीनी के दाम तय करने की छूट दे सकती है। इससे राज्य पीडीएस की चीनी का दाम 13.5 रुपये से ज्यादा कर सकेंगे। ये दाम पिछले 12 साल से नहीं बढ़े हैं। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय जल्द ही इस बारे में फैसला लेगा। उधर, चीनी पर आयात शुल्क बढ़ने और नए सीजन में पेराई से कई चीनी मिलों के इनकार...
More »म्यांमार के जियावडी गांव में बसता है ‘बिहार’
म्यांमार और भारत के रिश्ते सदियों पुराने हैं। लेकिन कम लोगों को ही पता होगा कि म्यांमार में भी एक ‘बिहार' बसता है। म्यांमार के बगो प्रांत का जियावडी गांव सवा सौ साल पहले धोखा देकर बिहार से लाए गए गिरमिटिया अर्थात अनुबंधित मजदूरों के वंशजों से आबाद है। ब्रिटिश शासन के दौरान अंग्रेजों ने बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों को दुनिया के अनेक देशों में गिरमिटिया के...
More »किसे है जीएम फसलों की जरूरत? - देविंदर शर्मा
गिल्स-एरिक सेरालिनी फ्रांस के नोर्मांडी में स्थित काएन यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक हैं। दो साल पहले, वर्ष 2012 में उनके एक शोध पत्र ने वैज्ञानिक जगत में खलबली मचा दी थी। सेरालिनी ने कुछ चूहों को दो वर्ष तक जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) अनाज खिलाया था। नतीजे चौंकाने वाले रहे। चूहों के शरीर पर बहुत बड़े आकार वाली गांठें उभर आईं। साथ ही उनमें यकृत और गुर्दे की बीमारियां भी पाई गईं।...
More »गांव-देहात व किसान से वास्ता नहीं- केसी त्यागी
आम बजट और रेल बजट को देख कर यह सहज रूप से कहा जा सकता है कि केंद्र सरकार बजट के पीछे राजनीति कर रही है. राजनीति इस अर्थ में कि जो भाजपा कहती है, वह करती नहीं है. जो वादा करती है, उसके पीछे उसकी मंशा क्या है, तथा आम आदमी के प्रति वह कितनी हमदर्द है, वह आम बजट और रेल बजट से साबित हो गया है. सरकार...
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