रांची।झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने रविवार को नगड़ी के किसानों से कहा कि वे अपनी जमीन जोत लें। महापंचायत को संबोधित करते हुए दिशोम गुरु ने अपने खास अंदाज में कहा, ‘कौन तुम्हारी जमीन ले रहा है।’ गुरुजी की ओर से भरी सभा में दिए गए इस वक्तव्य को आंदोलनकारियों ने सरकार की ओर से सकारात्मक संकेत माना है। हालांकि सरकार के भू-राजस्व मंत्री मथुरा महतो ने शिबू के बयान के बाद स्पष्ट...
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नगड़ी के साथ सरकार ने किया अन्याय : मथुरा
रांची. नगड़ी में जमीन अधिग्रहण के मसले पर भू-राजस्व मंत्री मथुरा महतो ने सोमवार को कहा कि नगड़ी के लोगों के साथ सरकार ने अन्याय किया है। वहां के ग्रामीणों की मांगें जायज हैं। वे उनके आंदोलन का नैतिक समर्थन करते हैं और उनकी जमीन लौटाने के पक्ष में हैं। मथुरा महतो प्रोजेक्ट भवन स्थित अपने कार्यालय में दैनिक भास्कर से बात कर रहे थे। मंत्री ने कहा कि वैसे भी जिस उद्देश्य...
More »बेच दी गई NH, डैम व स्कूल के लिए अधिग्रहित सैकड़ों एकड़ भूमि
रांची. विकास कार्य के लिए अधिग्रहित जमीन धड़ल्ले से बिक रही है। रांची जिले में ही एनएच, डैम, स्कूल व पशुपालन विभाग के लिए अधिग्रहित सैकड़ों एकड़ जमीन बिक गई। इसे खरीदने में बिल्डरों और आम आदमी के अलावा अधिकारी भी पीछे नहीं रहे। अंचल कार्यालय के पास यह रिकॉर्ड ही नहीं है कि अब तक कितनी जमीनों का अधिग्रहण हुआ है। अधिग्रहण के समय रैयतों को जिस जमीन का मुआवजा दिया जा चुका...
More »जमीन पक रही है- भारत डोगरा
जनसत्ता 23 जून, 2012: अगर हमारे देश में ग्रामीण निर्धन वर्ग और विशेषकर भूमिहीन वर्ग को टिकाऊ तौर पर संतोषजनक आजीविका मिले इसके लिए भूमि-सुधार बहुत जरूरी है। इसके अलावा, अन्यायपूर्ण भूमि अधिग्रहण द्वारा जिस तरह तेजी से बहुत-से किसानों खासकर आदिवासियों की जमीन लेकर उन्हें भूमिहीन बनाया जा रहा है, उस पर रोक भी लगानी होगी। ऐसे महत्त्वपूर्ण सवालों के न्यायसंगत समाधान के लिए इस वर्ष के आरंभ से एक प्रयास...
More »भ्रष्टाचार की गंगा का मुहाना बंद करना होगा- पी साईनाथ (अनुवाद मनीष शांडिल्य)
मनमोहनॉमिक्स के करीब 20 साल पूरे हो रहे हैं, अतः उस कोरस को याद करना बहुत वाजिब होगा, जिसका राग मुखर वर्ग पहले तो खूब गर्व से और फिर खुद को दिलासा देने के लिए अलापता रहा हैः 'आप चाहे जो भी कहें, हमारे पास डॉ मनमोहन सिंह के रूप में सबसे ईमानदार आदमी हैं. उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला जा सकता'. लेकिन ऐसा अब कम सुनने को...
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