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दिल्ली में अब 14 हजार रुपए न्यूनतम मजदूरी

अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी की घोषणा की है। उन्होंने केंद्र और अन्य राज्यों से अपील की है कि इस ऐतिहासिक फैसले को पूरे देश में लागू किया जाए। मजदूरों को समर्पित स्वतंत्रता दिवस के इस तोहफे से अकुशल, अर्द्ध-कुशल और कुशल मजदूरों की मजदूरी में औसतन 45 फीसद की बढ़ोतरी होगी। केजरीवाल की घोषणा के अनुसार दिल्ली में अब...

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विस्थापितों के हक पर अफसरशाही की डकैती, न मुआवजा मिला न नौकरी

दामोदर घाटी परियोजना के विस्थापितों को साठ साल बाद भी न उनकी जमीन और घरों का मुआवजा मिल पाया है और न पुनर्वास के नाते नौकरी। पश्चिम बंगाल और झारखंड के चार जिलों के इन विस्थापितों में ज्यादातर आदिवासी हैं। कुल 240 गांवों की 38 हजार एकड़ जमीन और पांच हजार घर केंद्र सरकार की इस बिजली परियोजना ने 1954 में लील लिए थे। पर विस्थापितों को अंतहीन संघर्ष के...

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बिछड़े सब बारी-बारी, खेती-बारी-- अनिल रघुराज

आखिर कोई कितना इंतजार करता! देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, ‘सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन कृषि नहीं.' मगर, आजादी से लेकर कृषि को इंतजार करते-करते अब सात दशक होने जा रहे हैं. वह अब भी भगवान भरोसे है. इंद्रदेव नाराज, तो सूखे की त्रासदी और खुश तो बहुत बड़े इलाके में बाढ़ की तबाही. जिनके बरदाश्त करने की हद चुक जाती है, वे इस...

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‘पहले बच्चा पढ़ेगा, तब न बड़ा होके हाय-फाय चलायेगा’--

कहानी बिहार के पहले वाइ फाइ गांव बेलदारीचक की पुष्यमित्र बेलदारीचक (पटना) pushyamitra@prabhatkhabar.in जैसे ही इस संवाददाता ने तसवीर ली विनोद कुमार दौड़े-दौड़े आये. उनकी सहज जिज्ञासा थी कि उनकी दुकान की तसवीर क्यों ली जा रही है. जब उन्हें बताया गया कि उनकी दुकान की तसवीर नहीं बल्कि दुकान के पीछे लगे बीएसएनएल के टावर की तसवीर ली गयी है, जिसमें वाइ-फाइ वाली मशीन लगी है. यह सुनकर ठीक-ठाक पढ़े लिखे...

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बुंदेलखंड: न चारा, न पानी, जानवर बेच रहे हैं किसान

सूखे से झुलस रहे बुंदेलखंड में स्थितियां और भयावह हो चली हैं। हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो वक्त की रोटी के लिए ग्रामीण अपने पशु बेच रहे हैं। पशुओं के खरीदार नहीं मिल रहे हैं, चारे पानी का जबरदस्त संकट है लिहाजा पशुपालक भारी मन से औने-पौने दामों में इनसे पीछा छुड़ा रहे हैं। कई गांव ऐसे भी हैं जहां के लोगों ने अपने...

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