SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 408

वर्दी सुलगाकर थाली में दाल-सब्जी करते हैं फ्राई

रायपुर, ब्यूरो। सेंट्रल जेल का खाना फिर से खराब बनने लगा है। भात के नाम पर लेई और पानी जैसी दाल परोसी जाती है। सब्जी भी स्वादहीन मिलती है। खाने को टेस्टी बनाने का जुगाड़ बंदियों के पास है। हाथ-पैर में लगाने के लिए सरसों तेल मिलता है, उससे दाल और सब्जी को फ्राई करते हैं। आग जलाने के लिए कील को फर्श पर रगड़ने पर निकलने वाली चिंगारी से वर्दी...

More »

आज तो आजिज हैं सब गरीब! - मृण्‍ााल पांडे

दु:ख, असहायता और राज-समाज के उत्पीड़न से भारतीय गरीबों का इतनी सदियों से रिश्ता रहा है कि वे अक्सर उसे खामोशी से सहते रहते हैं। पर हमारे यहां जनता की अनसुनी मूक व्यथा को स्वर देने वाले जनकवियों की वाल्मीकि से लेकर बाबा नागार्जुन तक एक लंबी परंपरा भी है, जिसमें नज़ीर अकबराबादी भी आते हैं। मध्यकाल में जब दिल्ली की बादशाहत उजड़ रही थी और जनता जाट, रुहेले, मराठा...

More »

विपक्ष का अगंभीर रवैया--- आकार पटेल

इन दिनों हम देश में एक अजीब राजनीतिक स्थिति से गुजर रहे हैं. जहां एक ओर अपने ढाई वर्ष पूरे कर चुकी केंद्र सरकार पहली बार मुश्किल में फंसी नजर आ रही है, वहीं दूसरी ओर लोगों की भावनाओं को सामने लाने या फिर इस अवसर का लाभ उठाने के लिए जो क्षमता विपक्ष में होनी चाहिए, उसमें कमी दिखायी दे रही है. बेशक विमुद्रीकरण को लेकर बहस चल रही...

More »

नोटबंदी के दौर में बोलेरो शादी-- विभूति नारायण राव

पिछले चालीस दिनों में नोटबंदी ने देश की तरह मुझे भी तरह-तरह के अनुभव दिए हैं। देश दो खेमों मे बंटा दिख रहा है। एक तरफ देशभक्त हैं, जिनकी बांछें खिली हुई हैं और जो बता रहे हैं कि बस देखते रहिए, देश से काला धन, जाली नोट और आतंकवाद खत्म होने ही वाले हैं। यह अलग बात है कि समय बीतने के साथ ही उनकी मुस्कान धीरे-धीरे कमजोर पड़ती...

More »

सियासी दलों के गुप्त चंदे पर रोक लगे

चुनावों में कालेधन के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने की कवायद में जुटे चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से कानून में संशोधन की सिफारिश की है। आयोग ने सियासी दलों को दो हजार रुपये और इससे ज्यादा दिए जाने वाले गुप्त चंदे पर रोक लगाने की मांग की है। ऐसी पार्टियों को छूट हो: प्रस्तावित संशोधन चुनाव सुधार पर आयोग की सिफारिशों का हिस्सा है। उसने यह भी सुझाव दिया है कि...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close