सरकारी उपेक्षा : दलकावा गांव के महादलितों को सरकारी सुविधाओं का नहीं मिल रहा लाभ दलकावा गांव के वार्ड नंबर नौ में लोगों को इंदिरा आवास के पैसे तो मिले लेकिन वे लोग घर नहीं बनाये और पैसे रख लिये. वहीं कुछ लोग ऐसे भी मिले जिनको सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला. सोनबरसा : प्रखंड की इंदरवा पंचायत के दलकावा गांव का वार्ड नंबर नौ महादलित बाहुल्य है. मुसहर समुदाय के...
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चीन की विकास गाथा और हम- दिबांग
भारत के आजाद होने के दो साल बाद ही पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना बना था। 50 और 60 के दशक में भारत जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय में चीन से लगातार आगे रहा, लेकिन आज भारत की अर्थव्यवस्था दो ट्रिलियन डॉलर की है और चीन की नौ ट्रिलियन डॉलर की। देखते ही देखते शंघाई दुनिया के सबसे वैभवशाली समृद्ध शहरों में गिना जाने लगा। चीन ने 1981 से 2013...
More »तुगलकी फरमान : मजदूरी करने पर महिलाओं को पड़ेंगे सौ कोड़े
जिले के पीपलीखेड़ा गांव में रविवार को पंचायत ने तुगलकी फरमान जारी कर नट समाज की महिलाओं के घर से बाहर निकल मेहनत-मजदूरी करने पर रोक लगा दी। इसे न मानने पर सौ कोड़े खाने और एक लाख रुपये का जुर्माना देने का भी एलान किया है। पीपलीखेड़ा में नट जाति के करीब सौ परिवार रहते हैं। आधुनिकता की दौड़ में समाज की पारिवारिक परंपरा कला व करतब को ग्रहण लग...
More »सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश
अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...
More »भूमंडलीकरण के दौर में मजदूर दिवस- कृष्ण प्रताप सिंह
भूमंडलीकरण व्यापने के बावजूद दुनिया के कई देशों में मजदूर दिवस सरकारी छुट्टी का दिन है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के संस्थापक सदस्य भारत में ऐसा नहीं है! और तो और, इस देश में ऐसी कोई परंपरा भी नहीं बन पायी है, जिससे मजदूरों के संदेशों को दूसरी नहीं तो कम-से-कम उनकी अपनी जमातों तक पहुंचाया जा सके. ऐसे दुर्दिन में मजदूर दिवस पर कोई भी सार्थक बातचीत उसके सामान्य परिचय...
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