मनोज तिवारी, भोपाल। प्रदेश में हर साल 8 करोड़ से ज्यादा पौधे लगाए जा रहे हैं, फिर भी हरियाली बढ़ने की बजाय घट रही है। भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान की सर्वे रिपोर्ट से पता चलता है कि वर्ष 2013 और 2015 के बीच प्रदेश में 60 वर्ग किमी हरियाली घटी है। जबकि पौधरोपण पर हर साल औसतन 60 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इस हिसाब से पांच साल में...
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BIHAR में सामान्य से नौ व PATNA में 30% कम बारिश, 20 से अधिक जिलों की खेती प्रभावित
पटना : बिहार में सोमवार तक सामान्य से नौ प्रतिशत कम यानी 936.8 एमएम बारिश हुई है. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक बिहार में अभी 1027.6 प्रतिशत वर्षापात होना चाहिए था, लेकिन पूरे बिहार में सामान्य से कम बारिश होने से कम-से-कम 20 से अधिक जिले प्रभावित हुए हैं. इनमें पटना, सीवान, सारण, भोजपुर, मुंगेर सहित कई जिले शामिल हैं, जहां अभी 30 प्रतिशत तक कम बारिश रिकाॅर्ड की...
More »कर्ज से परेशान एक और किसान ने की खुदकुशी
राजनांदगांव। कर्ज से परेशान छुईखदान ब्लॉक के ग्राम झूरानदी के किसान कृपाराम उर्फ टहलू जंघेल (48) ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात की है। रविवार सुबह परिजन ने किसान का शव फांसी पर लटका हुआ देखा। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पेड़ से उतारा। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिवार वालों को सौंप दिया गया। परिजनों का कहना है कि कृपाराम ने फसल की बोआई...
More »महिलाओं की कंपनी ‘साथी’ ने केले के फाइबर से बनाया ‘सैनेटरी पैड’-- रजनीश आनंद
केला स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से तो एक फायदेमंद फल है, इस बात से तो हम सब वाकिफ हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि केले के पेड़ से सेनेटरी नैपकिन भी बन सकता हैं? अगर आप नहीं जानते तो यह जानकारी आपके लिए बहुत फायदेमंद है. अहमदाबाद की एक कंपनी ‘साथी' ने माहवारी स्वच्छता के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन के लिए एक सौ प्रतिशत ‘बायोडिग्रेडेबल' नैपकिन बनाने की...
More »पहाड़ पर लौटी हरियाली-- बाबा मायाराम
मध्यप्रदेश का एक गांव है रूपापाड़ा। यहां पेड़ लगाने की चर्चा गांव-गांव फैल गई है। पहले यहां आसपास गांव के हैंडपंप सूख चुके थे लेकिन जंगल बड़ा हुआ, हरा भरा हुआ तो उनमें पानी आ गया। लोगों के पीने की पानी की समस्या हल हुई। यह झाबुआ जिले की पेटलावद विकासखंड में है। यहां के लोगों को खेती में पानी नहीं है, सूखे की खेती करते हैं,यानी वर्षा आधारित। लेकिन...
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