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सबकी धरती, सबका हक- प्रियंका दुबे

लापोड़िया और रामगढ़ की कहानी देश में चौतरफा फैले जल संकट का समाधान तो सुझाती ही है, लेकिन उससे भी बढ़कर सामाजिक समानता की नींव पर बने एक प्रगतिशील समाज का सपना भी साकार करती है. रिपोर्ट और फोटो: प्रियंका दुबे ऐसे समय में जब पानी की किल्लत दिल्ली-मुंबई से लेकर जयपुर तक सैकड़ों भारतीय शहरों को सूखे नलों के मकड़जाल और अनंत प्रतीक्षा के रेगिस्तान में तब्दील कर रही है,...

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जीएम बीज की पैदावार में पहले बढ़त लेकिन बाद में कमी

मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसुमरिया ने कहा है कि जेनेटिकली मॉडीफाइड (जीएम) फसलों को अनुमति दिए जाने से भारतीय किसानों बहुराष्ट्रीय कंपनियों के 'गुलाम' बन जाएंगे। उन्होंने जीएम फसलों और इनके लिए प्रस्तावित बायो-टैक्नॉलोजी रेगुलेटरी अथॉरिटी और एग्रीकल्चर बायो-सिक्योरिटी बिल का विरोध किया है। राज्य के कृषि मंत्री ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे, सांसदों और सभी मुख्यमंत्रियों को भेजे पत्र में कहा है कि अमेरिका और यूरोप के देश...

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बाजार के कामर्स से साइंस की जंग- डा.एनके सिंह

भारत में डायबिटीज की अत्यंत लोकप्रिय और सस्ती दवा को सरकार ने बैन कर दिया है. सरकार के इस फैसले से विशेषज्ञ डॉक्टरों में आक्रोश है. पहली बार बाजार के कॉमर्स के खिलाफ साइंस ने जंग छेड़ी है. डॉक्टर दिवस पर मरीजों के मर्म और सरकार की संवेदनहीनता बयां करती एक डॉक्टर की पीड़ा. - डायबिटीज की अत्यंत लोकप्रिय और अपेक्षाकृत सस्ती दवा ‘पायोग्लीटाजोन’ को 18 जून, 2013 से भारत सरकार के स्वास्थ्य...

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सीरिया की प्रयोगशाला-अख़लाक, अहमद उस्मानी

जनसत्ता 3 अप्रैल, 2013: ‘अल्लाह, सूरीया, बशारू बस।’ सीरिया की पश्चिमी सरहद पर अलकतीना झील के किनारे बसे शहर हम्स में झूमते युवा अलकोर्निश मार्ग पर यही गा रहे थे। एक लय में उठते इस नारे को मैं अपने सीमित अरबी भाषा के ज्ञान के आधार पर समझ सकता था। वे कह रहे थे कि ‘हमारे लिए अल्लाह, सीरिया देश और हमारा नेता बशर अल असद काफी है’। इसी सड़क पर बने...

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महिला सशक्तीकरण के वास्ते- केपी सिंह

जनसत्ता 8 मार्च, 2013: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सशक्तीकरण की बात करना फैशन नहीं, जरूरत है। इक्कीसवीं शताब्दी में भी महिलाएं संविधान-प्रदत्त मूलभूत अधिकारों को पाने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं। यह जद्दोजहद नई नहीं, सहस्राब्दियों पुरानी है। मानव-सभ्यता जब पृथ्वी पर पनपने लगी तो पुरुष ने अपनी शारीरिक सामर्थ्य का फायदा उठाते हुए पहला अधिकार स्त्री पर जताया था। महिलाओं के शोषण की कहानी वहीं से शुरू हो...

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