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एफसीआई को तीन टुकड़ों में बांटने की प्रक्रिया शुरू - सुरेन्द्र प्रसाद सिंह

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने चुनावी वादे के अनुरूप भारतीय खाद्य निगम यानी एफसीआई को बांटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। खाद्य सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने वाली इस संस्था को कई हिस्सों में बांटने के तौर-तरीकों पर सुझाव देने के लिए जल्दी ही उच्चस्तरीय कमेटी की घोषणा की जाएगी। राशन प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपने...

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दामोदर की जीवन रेखा को चाहिए जीवन दान- उमा(धनबाद)

-आजाद भारत की प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना दामोदर घाटी निगम पर संकट के बादल- बाढ़ जैसी भीषण प्राकृतिक आपदा को नियंत्रित करते हुए जीवन को रोशन करने के मकसद से 66 साल पहले 7 जुलाई, 1948 को अस्तित्व में आयी आजाद भारत की प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की जीवन रेखा आज जीवन दान के लिए तरस रही है. 27 मार्च, 1948 को डीवीसी का गठन भारत के संसद...

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परिवर्तन के लिए पूर्वाभ्यास- प्रभु जोशी

जनसत्ता 23 मई, 2014 : इन चुनाव परिणामों ने स्पष्ट कर दिया कि नरेंद्र मोदी अपने दल से बड़े हैं। वे मालवा की इस कहावत के चरितार्थ हैं कि‘दस हाथ की कंकड़ी में बीस हाथ का बीज’। उनके ऐसा ‘वैराट्य’ ग्रहण करते ही उनका दल छिलके की तरह नीचे गिर गया है। वे स्वयंसिद्ध सत्ता की उस धार में बदल चुके हैं, जिसे अब दल की पुरानी आडवाणी-अटल छाप म्यान...

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भारत में विश्व की 54 सबसे बडी और शक्तिशाली कंपनियां हैं

न्यूयार्क: मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्टरीज उन 54 भारतीय कंपनियों में अव्वल नंबर पर हैं जिन्होंने फोर्ब्स की 2000 सबसे बडी और शक्तिशाली कंपनियों की सालाना सूची में जगह बनाई है. साथ ही चीन की तीन कंपनियों ने इस सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है. फोर्ब्स की ‘वैश्विक 2000’ सूची में आय, मुनाफे, परिसंपत्ति और बाजार मूल्यांकन के आधार पर आंकी गई विश्व की सबसे बडी और सबसे शक्तिशाली कंपनियों...

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विकास मॉडलों के शोर में गुम मजदूर- रौशन किशोर/जीको दासगु्प्ता

चुनावी बहस-मुबाहिसों में विकास की चर्चा तो खूब है, लेकिन इस विकास का आधार और देश की आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा मजदूर कहीं प्रमुख मुद्दा नहीं है. घोषणापत्रों में श्रमिकों के मसलों को शामिल तो किया गया है, लेकिन उनके लिए कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है. देश में मजदूर वर्ग निरंतर शोषण और दमन का शिकार बनता रहा है. ‘मई दिवस’ के मौके पर मजदूरों से जुड़े मसलों को रेखांकित...

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