सत्तर के दशक में केरल का सामाजिक-आर्थिक विकास का माॅडल पूरी दुनिया में सूर्खियां बना था. केरल के लोगों के जीवनस्तर में बढ़ोत्तरी (जो सामाजिक सूचकांकों में प्रतिबिंबित हो रही थी) कई विकसित देशों के बराबर थी, जबकि राज्य की प्रतिव्यक्ति आय बहुत कम थी. इसने पश्चिमी अर्थशास्त्रियों को अंचभित किया था और इसे केरल माॅडल कहा गया था. दिलचस्प बात है कि इन दिनों केरल के दूसरे ‘माॅडल'...
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जल संकट के लिए तैयार रहें-- आशुतोष चतुर्वेदी
र्मी शुरू हो गयी है. हम सब जानते हैं कि हर साल की तरह हमारे गांव, कस्बे और शहर पानी की कमी से जूझेंगे. लेकिन, इस विषय में हम तभी सोचते हैं, जब समस्या हमारे सिर पर आ खड़ी होती है. न तो सरकारों की ओर से कोई ठोस पहल होती है और न ही समाज की ओर से कोई अभियान छेड़ा जाता है. समस्या केवल कम बारिश की नहीं...
More »जन-आंदोलनों का विचार-- अनुज लुगुन
साल 1930 में मार्च महीने की 12 तारीख थी. जैसे हर रोज सूरज निकलता है, वैसे ही उस दिन भी सूरज निकलनेवाला था, फिर भी उन लोगों को सूरज के उगने की प्रतीक्षा थी. यद्यपि उन्हें मालूम था कि वे सरकार के विरुद्ध कदम उठा रहे हैं और उसका परिणाम यातनामयी होगा, लेकिन सबने प्रण कर लिया था कि यदि कदम नहीं बढ़े, यदि आवाज नहीं उठी, तो उनके जीवन...
More »मध्यप्रदेश: सरकार ने डिफॉल्टर किसानों का 2600 करोड़ किया माफ
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने कृषि ऋण के डिफाल्टर किसानों का 2600 करोड़ रुपये ब्याज माफ करने का फैसला किया है। वहीं एक लाख की आबादी पर हर शहर में नई तहसील होगी। शिवराज कैबिनेट की आज हुई बैठक में ये अहम फैसले किए गए। कैबिनेट बैठक में हुए निर्णय की जानकारी देते हुए जनसम्पर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि एक लाख की आबादी पर अब शहर में तहसील बनेगी। तहसील...
More »महाराष्ट्र में सामने आया चूहा घोटाला..
मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने मंत्रालय ( राज्य सचिवालय) में चूहों को मारने के लिए दिए गए ठेके की जांच की मांग की है। उन्होंने विधानसभा में सवाल किया कि यहां 3,19,400 चूहों को मारने के लिए जिस कंपनी को ठेका दिया गया था, उसने सात दिन में यह काम कैसे पूरा कर लिया? बजट मांगों पर चर्चा के दौरान खडसे...
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