-रूरल वॉइस, वैश्विक कीमतों में रिकार्ड बढ़ोतरी की वजह से डीएपी की उपलब्धता के संकट के चलते कॉम्प्लेक्स उर्वरकों की बिक्री में भारी इजाफा हुआ है। चालू रबी सीजिन के अक्तूबर और नवंबर माह में इन उर्वरकों की बिक्री में करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। डिपार्टमेंट ऑफ फर्टिलाइजर्स के आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर और नवंबर, 2021 के दो महीनों में कॉम्प्लेक्स उर्वरकों की बिक्री 27.7 लाख टन...
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दक्षिणी राज्यों में भारी बेमौसम बारिश के कारण टमाटर की कीमतें दोगुनी, जल्द राहत की उम्मीद नहीं
-द प्रिंट, सब्जी मंडियों में आने वाले उपभोक्ता एक बार फिर से आंसू बहा रहे हैं लेकिन इस साल गुनहगार प्याज नहीं बल्कि टमाटर है. दक्षिण भारतीय राज्यों में हुई बेमौसम बारिश से आपूर्ति के प्रभावित होने से कई स्थानों पर टमाटर के खुदरा और थोक भाव दोगुने से अधिक बढ़कर 80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं. विशेष रूप से दक्षिणी राज्यों के कुछ शहरों में इसकी कीमतें 100 रुपये प्रति...
More »भारी बारिश और भूकंप के चलते हिमालय क्षेत्र में बढ़ रहे हैं भूस्खलन के मामले
-डाउन टू अर्थ, हाल ही में किए एक शोध से पता चला है कि भारी बारिश और भूकंप के चलते नेपाल में मानसून के दौरान सामने आने वाले भूस्खलन के मामलों में छह गुना वृद्धि हो सकती है। गौरतलब है कि मानसून के मौसम में जून से अगस्त के बीच यह हिमालयी देश हर साल गंभीर भारी बारिश के चलते भूस्खलन का अनुभव करता है। अपने इस शोध में शोधकर्ताओं ने यह...
More »आत्महत्याओं पर एनसीआरबी डेटा को सावधानी के साथ समझना
पिछले वर्षों की तुलना में 2020 के दौरान भारत में आत्महत्याओं की कुल संख्या में वृद्धि हाल ही में सुर्खियों में रही है. जबकि कुछ मीडिया टिप्पणीकारों ने कहा है कि 2020 में आर्थिक संकट (नौकरी छूटने, आय में कमी, व्यवसाय में विफलता और बढ़ती भूख, अन्य कारणों के अलावा) के कारण अधिक आत्महत्याएं हो सकती हैं, अन्य ने कहा है कि घर में अलगाव और बिगड़ती मानसिक स्वास्थ्य स्थिति...
More »महंगाई ले चुकी है स्थायी रूप , शहरी से ग्रामीण तक सभी प्रभावित
-रूरल वॉइस, मंहगाई देश में होने वाले पांच राज्यों मे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक अहम मुद्दा बन चुका है क्योंकी रोजमर्रा के खर्च में मंहगाई अब हमारे जीवन हिस्सा ही बन गई है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उपभोक्ता मूल्य सूचकां (सीपीआई) या थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) किस तरह के आंकड़े पेश करते हैं। हकीकत यह है कि इस बार की मंहगाई की जड़े काफी गहरी हैं और ...
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