गत महीने फेसबुक द्वारा किये एक सर्वे में यह बात सामने आयी कि भारत में हर पांच में से चार महिलाएं उद्यमी बनने की क्षमता रखती हैं, बशर्ते उनके सशक्तीकरण के प्रयास किये जायें. शोध के मुताबिक यदि अभी से शुरुआत की जाये, तो वर्तमान व्यवसाय और रोजगार के समस्त लक्ष्यों को सिर्फ 52 फीसदी महिलाओं के दम पर ही वर्ष 2021 तक ही पूरा किया जा सकता है. फिर...
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बच्चों को बीमार कर रही हैं बड़ों की उम्मीदें और दबाव- ऋतु सारस्वत
अवसाद अब बड़ों की व्याधि नहीं रही, वह बच्चों को भी गिरफ्त में ले रही है। हाल ही में ‘दक्षिण पूर्व एशिया में किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति : कार्रवाई का सबूत' नामक विश्व स्वास्थ्य की रिपोर्ट ने यह खुलासा किया कि भारत में 13 से 15 साल की उम्र के हर चार बच्चों में से एक बच्चा अवसाद से ग्रस्त है और आठ प्रतिशत किशोर चिंता की वजह...
More »तीन सरकार, तीनों बेकार!-- योगेन्द्र यादव
हमारे देश में महानगरों की हालत इतनी बुरी क्यों है, यह समझना है तो दिल्ली आइए. लोकतांत्रिक चुनाव इसे बदलने में क्यों असफल रहते हैं, यह जानने के लिए दिल्ली नगर निगम के चुनाव को देखते रहिए. हमारे शहरों-महानगरों में सरकार एक भूल-भुलैया है. सरकारी बाबू के सिवा किसी को नहीं पता कि किसका क्या अधिकार क्षेत्र है. दिल्ली शहर में तीन सरकारों का राज चलता है- उपराज्यपाल...
More »विकास सूचकांक में पिछड़ने की टीस--- जयश्री सेनगुप्ता
वर्ष 2016 को लेकर जारी की गई संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक सूची में कुल 188 देशों में भारत पिछले साल के 130वें स्थान से एक पायदान नीचे लुढ़ककर 131वें नंबर पर जा पहुंचा है, जबकि नॉर्वे को पहला स्थान मिला है। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल की आखिरी तिमाही में नोटबंदी और इसके विपरीत असर के बावजूद हमारी कुल सकल आय यानी जीडीपी में 7.1 प्रतिशत की प्रभावशाली...
More »क्यों जरूरी हैं विश्वविद्यालय?-- मणीन्द्रनाथ ठाकुर
आज के युग में यह विचार करना जरूरी है कि क्या भारत जैसे देश में उच्च शिक्षा पर खर्च करना जरूरी है? आखिर विश्वविद्यालयों पर इतना खर्च क्यों किया जाये? क्यों नहीं विश्वविद्यालयों में फीस बढ़ा दी जाये? क्या इतने सारे छात्रों को शोध में लगाना उचित होगा? इन सारे प्रश्नों को लेकर हमें सोच-समझ कर ही अपनी राय बनाने का प्रयास करना चाहिए. भारत एक विकासशील देश है और...
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