राहुल शर्मा, भोपाल। लाख कोशिश करने के बाद भी प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हाई स्कूल परीक्षा परिणाम इस बार भी सुधरने के आसार कम ही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि स्कूल शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक भोपाल में ही 60 फीसदी से ज्यादा छात्र गणित, विज्ञान और इंग्लिश में बेहद कमजोर साबित हुए हैं। प्रदेश के अन्य जिलों में यह आंकड़ा 75 प्रतिशत से भी ज्यादा...
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सड़कों पर हादसों के सबब --- श्रीश्चंद्र मिश्र
देश में सड़कों पर चलना कितना खतरनाक हो गया है इसका आभास सिर्फ इन आंकड़ों से हो जाता है कि पिछले साल देश में रोज औसतन 410 लोग सड़क हादसों में मारे गए। 2015 में यह आंकड़ा करीब चार सौ था। हादसों का कारण चाहे बेलगाम रफ्तार हो या सड़कों की दुर्दशा, 2014 में हर एक घंटे में औसतन सोलह लोगों को सड़क हादसों में जान गंवानी पड़ी। इस अरसे...
More »भूकम्प पूर्वानुमान अब भी चुनौती-- अभिषेक कुमार
ईरान-इराक सीमा पर कुर्द-बहुल इलाके में हाल में 7.3 तीव्रता के भूकम्प में गई सवा सौ से ज्यादा जानें अपने पीछे यह सवाल फिर छोड़ गई हैं कि क्या इसकी आहट की कोई सूचना पहले से नहीं मिल सकती! यह सवाल ज्यादा चर्चा में इसलिए है कि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में भूकम्प की भविष्यवाणी को लेकर काफी हलचल है। इसका प्रमुख आधार कलायिल नामक एक भारतीय व्यक्ति की भविष्यवाणी...
More »आधार पर अदालत की सुनें-- रीतिका खेड़ा
यदि आप आत्मविश्वास के साथ कह सकते हैं कि आधार से आपकी जिंदगी आसान हुई है, और ऐसी सरकारी सुविधाएं प्राप्त हुई हैं, जिनसे आप पहले वंचित थे, तो आप किसी ‘लुप्तप्राय प्रजाति' से कम नहीं, क्योंकि आज कल हर तरफ, आधार-त्रस्त लोग ही मिलेंगे। शायद आपको रोज फोन पर संदेश आ रहे होंगे-बैंक से और मोबाइल से आधार लिंक कीजिए। उससे पहले, आयकर भरते समय लोगों को काफी परेशानी...
More »भूख नहीं जानती सब्र-- संजीव पांडेय
दुष्यंत कुमार का शेर है : भूख है तो सब्र कर, रोटी नहीं तो क्या हुआ। आजकल संसद में है जेरे-बहस ये मुद्दआ। शायर इसमें हुक्मरानों की खिल्ली उड़ा रहा है क्योंकि वह जानता है कि भूख सब्र नहीं जानती। इसके बावजूद हमारी व्यवस्था गरीबों का इम्तहान लेती रहती है। महज कुछ दिनों के अंतर पर ही झारखंड में भूख से तीन मौतें हुर्इं; उस राज्य में जो खनिज संसाधनों...
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