पिछले लगभग डेढ़ साल से हमारे देश में बहस छिड़ी हुई है कि जबसे केंद्र में मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार का गठन हुआ है, तभी से नेहरू की विरासत को नष्ट करने का षड्यंत्रकारी अभियान जारी है। मोटा-मोटा तर्क यह है कि नेहरू की विरासत का अभिन्न् अंग जनतांत्रिक संस्कार और धर्मनिरपेक्ष विचार है। इसका कोई मेल फासीवादी मानसिकता वाले सांप्रदायिक तत्वों से नहीं हो सकता। इसके अलावा...
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गौण खनिज : आईबीएन से मंजूर माइनिंग प्लान को ही मान्यता
रायपुर। भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएन) नागपुर से अनुमोदित माइनिंग प्लान को राज्य स्तरीय अधिकारियों से पुनः सहमति कराने की अनिवार्यता नहीं होगी। राज्य सरकार ने एक प्रकरण में भारतीय खान ब्यूरो से अनुमोदित माइनिंग प्लान को छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम के तहत मान्यता (इंडोर्समेंट) दे दी है। खनिज साधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम 2015 के अंतर्गत विभिन्न 31 गौण खनिजों को शामिल किया गया है। इन...
More »'ऐसा अकाल 35 साल में मैंने कभी नहीं देखा'
छत्तीसगढ़ के उत्तर मरवाही इलाके के गांव डेडिया में लोगों ने अब सूखते खेतों में जाकर बारिश के लिए प्रार्थना करना छोड़ दिया है. साठ दिन पुराने धान की हल्की किस्मों की फसल से अब उम्मीद नहीं रही कि अब वो पनप पाएंगी. गांव के लोगों ने एक दिन तय कर लिया कि पूरा खेत मवेशियों के लिए छोड़ दिया जाए. गांव के फ़ैसले के बाद चरवाहा लवन सिंह खेतों में जाकर...
More »रोशन दिवाली उदास दिया- आर के सिन्हा
एक बार नोबेल पुरस्कार विजेता वीएस नायपाल बता रहे थे कि वे भारत में पहली बार 1961 में दिवाली की रात मुंबई पहुंचे। हवाई अड्डे से होटल के रास्ते में उन्हें यह देख कर निराशा हुई कि यहां ज्यादातर घरों के बाहर मोमबत्तियां सजी थीं। उनके देश त्रिनिदाद एवं टुबैगो में दिवाली पर अब भी मिट्टी के दीए जलाने की रिवाज है। नायपाल ठीक ही कह रहे थे। मोमबत्ती जला...
More »दुनिया में देश की साख पर बट्टा क्यों? - मेघनाद देसाई
एक ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'सबका साथ, सबका विकास" की भावना के साथ देश-विदेश में भारत की छवि को चमकाने और देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने तथा उसमें सुधार की पुरजोर कोशिश में लगे हुए हैं, तब दूसरी ओर देश में राष्ट्रीय मीडिया के एक बड़े हिस्से और खासकर टीवी चैनलों और कुछ अखबारों में नकारात्मक खबरों को न केवल अत्यधिक महत्व दिया जा रहा...
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