नई दिल्ली। देश में निचली अदालतों से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक लंबित मुकदमों के बढ़ते अंबार से हर तरफ चिंता है। हालात कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा खुद सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से लगाया जा सकता है। विशेष अनुमति याचिकाओं की बढ़ती संख्या पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगर इसी तरह हर याचिकाओं को स्वीकार किया जाता रहा तो एक दिन खुद सुप्रीम कोर्ट इनके बोझ से दब जाएगा।...
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तिहाड़ जेल के कैदी भी अब अपनों से करेंगे बात
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। तिहाड़ जेल के कैदी भी अब अपनों से फोन पर बात कर सकेंगे। गुरुवार को कैदियों के लिए टेलीफोन सेवा की शुरुआत कर दी गई है। इसका शुभारंभ दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मदन बी. लकुर ने किया। तिहाड़ जेल के प्रवक्ता सुनील गुप्ता ने बताया कि टेलीफोन सेवा से कैदियों के अपने घर बात करने की निर्धारित समयावधि पांच मिनट होगी। गुप्ता ने बताया कि इस सेवा से लोकल...
More »रैनबसेरों की व्यवस्था पर राज्यों को मोहलत
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बेघर लोगों को रैनबसेरा मुहैया कराने के प्रावधान पर जवाब देने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दो हफ्तों का समय और दिया है और ऐसा नहीं करने पर अधिकारियों को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन की पीठ ने कुछ राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा पीठ के 10 फरवरी के निर्देश के बावजूद इस मुद्दे पर जवाब नहीं...
More »फिर गरमाया गुर्जर आरक्षण मामला
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : पिछले डेढ़ साल में एक सौ से अधिक लोगों की जान लेने वाले गुर्जर आरक्षण आंदोलन की लपटें एक बार फिर उठने लगी हैं। आरक्षण की मांग कर रहे गुर्जर समाज ने सरकार को साफ -साफ चेतावनी दे दी है कि 26 मार्च से धार्मिक नगरी पुष्कर में अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू किया जाएगा। इसके बाद भी अगर उन्हें आरक्षण नहीं मिलता है तो फिर आंदोलन पहले की तरह हिंसक होगा।...
More »तो अब नहीं मिलेगी तारीख पर तारीख
तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख। जज साहब, यहां न्याय नहीं मिलता, मिलती है तो सिर्फ तारीख। जीं हां, फिल्म दामिनी में बोला गया यह डायलाग लोगों को इस कदर याद हो गया है कि जब भी किसी केस के जजमेंट में देरी की बात आती है तो आदमी यही लाइन्स दोहराता है। पर अब एक राहत की बात यह है कि अगर सब कुछ सही रहा तो लोगों को कोर्ट से तारीख पर तरीख...
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