समूचा देश आज महंगाई की समस्या से परेशान है। लेकिन सारी महंगाई अंतरराष्ट्रीय कारणों से नहीं है, जैसा कि सरकारी पक्ष बताता आ रहा है। साफ है कि 120 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाला यह देश सेंसेक्स और कुछेक लोगों को समृद्ध करने वाली नीतियों से नहीं चल सकता। कुछ तो है, जिसे हमारे तथाकथित अर्थशास्त्री नहीं समझ पा रहे हैं या नहीं समझने का नाटक कर रहे हैं या...
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महाशक्ति बनने की सही राह - सीताराम येचुरी
द इकोनॉमिस्ट ने भारत पर एक कवर स्टोरी की है। इसी अंक में ‘बिजनेस इन इंडिया’ पर पूरे 34 पृष्ठ की एक विशेष रिपोर्ट है। यह रिपोर्ट भारत के संबंध में कहती है कि, ‘यह एक उभरती हुई महाशक्ति है, जिसके समाज में जोश है, जिसकी फर्मो के चेहरे पर खून की लाली है और जो विश्व मंच पर चढ़ रही हैं।’ यह वास्तव में विश्व पूंजीवाद की इस इच्छा...
More »चुनाव आयोग राईट टू रिकॉल के पक्ष में नहीं
नई दिल्ली। जनप्रतिनिधियों को 'वापस बुलाने [राईट टू रिकॉल]' के अधिकार संबंधी टीम अन्ना की मांग से चुनाव आयोग सहमत नहीं है। आयोग का मानना है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार मतदाताओं को मिल जाने से अस्थिरता आएगी। आयोग की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। टीम अन्ना के साथ बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी सहित अन्य आयुक्तों ने आयोग की...
More »पंचायतों में लगेगी शिकायत पेटी
- आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत व प्रखंड कार्यालयों पर मिलेगी सुविधा - मनरेगा, जविप्र सहित अन्य योजनाओं के संबंध में कर सकेंगे शिकायत - बक्से की चाबी होगी एसडीओ व बीडीओ के हाथों में - तिरहुत व सारण प्रमंडल की पंचायतों में 30 नवम्बर तक लग जाएंगी पेटियां - आयुक्त ने दोनों प्रमंडल के डीडीसी व पीओ के साथ की बैठक मुजफ्फरपुर, कासं : लोगों को अब योजनाओं से संबंधित शिकायतों, उसमें किसी प्रकार की...
More »प्रतिरोध की राजनीति- सुनील खिलनानी
अन्ना हजारे के आंदोलन के साथ ही हाल के दिनों में उभरे खनन विवाद, जमीन विवाद, परमाणु संयंत्र के खिलाफ माहौल या खाप पंचायत या गुर्जरों का क्षोभ जैसे दूसरे आंदोलन केवल सत्ता में स्थित खास पार्टी के खिलाफ चुनौती भर नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सरकारों की शासन की क्षमता पर सवाल उठाने से भी ज्यादा गहरे हैं। वस्तुतः वे हमारे राजनीतिक क्षेत्र की भावना को समय-समय पर अस्थिर...
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