नई दिल्ली. पिछले साल भारतीयों ने जमीन खरीदने-बेचने में लगभग 3,700 करोड़ रुपए (70 करोड़ डॉलर) की रिश्वत दी है। उन्हें मूलभूत सेवाएं पाने के लिए भी 50 से 950 रुपए तक घूस देनी पड़ी है। यह दावा संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन (एफएओ) और दुनिया में भ्रष्टाचार पर निगाह रखने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के एक अध्ययन में किया गया है। इसके मुताबिक वर्ष 2011 में भारतीयों ने राशन...
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आशा कार्यकर्ताओं को तीन हजार रूपये मानदेय देने की लोस में उठी मांग
नयी दिल्ली, 15 मार्च (एजेंसी) लोकसभा में आशा कार्यकर्ताओं की आर्थिक बदहाली का मामला उठा और सरकार से उन्हें प्रतिमाह कम से कम तीन हजार रूपये मानदेय दिये जाने की मांग की गई। जनता दल यूनाइटेड के जगदीश शर्मा ने शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए कहा कि देश में लाखों आशा कार्यकर्ता बहाल हैं जो केन््रद सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में योगदान देती हैं। इनमें ज्यादातर...
More »सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम बाल-कुपोषण मिटाने के लिए जरुरी - सेव द चिल्डेन की नई रिपोर्ट
एक ऐसे समय में जब अर्थजगत में बुद्धिमानी का पर्याय यह बन चला है कि अर्थसत्ता के खेल के लिए मैदान खुला छोड़ दिया जाय और सामाजिक-क्षेत्र पर होने वाले खर्चों में कटौती की जाय, एक रिपोर्ट का कहना है कि भुखमरी और खासतौर से बाल-कुपोषण मिटाने की दिशा में प्रयास करना अपने आप में बुद्धिमानी का काम है। रिपोर्ट में यूपीए सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार किए जाने वाले...
More »बजट स्पेशल- हेल्थ सेक्टर ने ली राहत की सांस
नई दिल्ली. इस बार के बजट से हेल्थ सेक्टर ने राहत की सांस ली है। आम लोगों को साल भर में स्वास्थ्य चेकअप के लिए खर्च होने वाली पांच हजार रुपये की सीमा तक कर में छूट दी गई है। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन की स्थापना की जाएगी। कुपोषण की पहचान करने के लिए पांच लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। चेन्नई के पास एकीकृत टीका यूनिट की स्थापना करने का...
More »बिहार में सच बड़ा या झूठ?- मणिकांत ठाकुर बीबीसी संवाददाता
बिहार में सूचना का अधिकार, यानी, आरटीआई, क़ानून कथित सरकारी मकड़जाल में फंस कर विवादों में घिर गया है. इस बाबत राज्य सरकार द्वारा प्रचारित 'उपलब्धियों' और जमीनी सच्चाइयों के बीच बड़ा फ़र्क देख रहे आरटीआइ कार्यकर्त्ता आंदोलित हो उठे हैं. बिहार की नीतीश सरकार अपने शासन के सातवें साल से गुजर रही है. कहा जा रहा है कि इस दौरान यहाँ शासन द्वारा बरती गई चालाकियां किस तरह कामयाबियां...
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