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भारी बारिश से देशभर में 136 से ज्यादा लोगों की मौत

नई दिल्ली: पिछले चार दिनों में देश भर में भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में 136 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जिनमें सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में हुईं. बिहार में लगातार बारिश ने सामान्य जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है, राजधानी पटना के लगभग सभी क्षेत्रों में पानी भर गया है और दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग संघर्ष कर रहे हैं. मौसम विभाग ने...

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यमुना के बिना दिल्ली का अस्तित्व नहीं बचेगा: एनजीटी अध्यक्ष

नई दिल्ली: यमुना के बिना दिल्ली का अस्तित्व नहीं बचेगा, कहते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों को यमुना नदी के पुनर्जीवन और उसमें प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों पर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. एनजीटी ने राज्य सरकारों द्वारा रिपोर्ट दाखिल करने में असफल रहने की स्थिति में जुर्माना लगाने की भी चेतावनी दी. एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श...

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पानी साफ करने के इंतजाम के अभाव में नदियां हो रहीं दूषित, कई राज्यों की स्थिति चिंताजनक

नई दिल्ली: जलशोधन यानी कि पानी को साफ करने के पर्याप्त इंतजामों के अभाव में देश में न केवल नदियों, तालाबों और जलाशयों का पानी जहर बनता जा रहा है बल्कि खेती में रसायानिक खादों के अत्याधिक इस्तेमाल के कारण भूजल भी दूषित हो रहा है. भूजल दूषित होने के मामले में मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में चिंताजनक स्थिति है. नदियों में दूषित जल के प्रवाह और आर्सेनिक एवं...

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बिहार-असम में बाढ़ से 166 और उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने से 34 लोगों की मौत

पटना/गुवाहाटी/लखनऊ/जयपुर/नई दिल्ली: बिहार और असम में बाढ़ की स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है. दोनों राज्यों में बाढ़ से करीब 1.11 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और मरने वालों की संख्या रविवार तक बढ़कर 166 हो गई. असम में मरने वालों का आंकड़ा 64 पहुंच गया जबकि बिहार में यह आंकड़ा 102 रहा. बीते शनिवार से दोनों राज्यों में पांच और लोगों के मरने की सूचना मिली थी. बिहार में बाढ़...

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कहां ले जाएगी जल की अनदेखी -- रामचंद्र गुहा

बहुत साल हो गए, जब मेरा सामना पर्यावरण संबंधी जिम्मेदारी की चौंकानी वाली परिभाषा से हुआ था, ‘हम एक सीमित क्षेत्र के भीतर से जो कुछ भी चाहते हैं, उसका उत्पादन करते हैं, तो हम उत्पादन के तरीकों की निगरानी की स्थिति में होते हैं; जबकि अगर हम पृथ्वी के किसी अन्य छोर से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, तो वहां उत्पादन की स्थितियों की गारंटी देना हमारे लिए...

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