एक छोटे-से मुल्क क्यूबा ने पिछले दिनों सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वह दुनिया का पहला ऐसा मुल्क बना है, जिसने मां के जरिये बच्चे में होने वाले एचआईवी एवं सिफलिस के संक्रमण को रोकने में कामयाबी पाई है। पिछले दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खुद क्यूबा की इस उपलब्धि की तस्दीक की। विश्व स्वास्थ्य संगठन के पैमाने के मुताबिक, अगर प्रति एक लाख नवजात...
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कोटा की कोचिंगों को भी पीछे छोड़ता है बिहार का ये गांव-- मनीष शांडिल्य
बिहार के गया ज़िले की मानपुर पटवा टोली बुनकरों की बस्ती है। हाल के दिनों में यह चर्चा में रहा है। यहां से इस साल 17 छात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के लिए चुने गए हैं। लेकिन ऐसा नहीं नहीं कि यह कोई पहली बार हुआ हो। बीते पांच वर्षों से हर साल करीब 10 छात्र पटवा टोली से लगातार आईआईटी के लिए चुने जाते रहे हैं। इतना ही नहीं बीते...
More »एक इम्तिहान है मैगी का मामला - जगमोहन सिंह राजपूत
दो मिनट में बनकर तैयार हो जाने वाली मैगी ने सारे भारत को हिला दिया है। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि इस बार तो स्वाद पूरी तरह बेमजा हो गया। नेस्ले के नूडल्स घर-घर ही नहीं, अब तो गांवों तक अपनी पहुंच बना चुके थे। वे लोग जो चाहते हैं कि सारी दुनिया में एक भाषा, एक पहनावा, एक खाना ही चले, मैगी जैसे प्रचलन को अपनी...
More »सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश
अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...
More »राजनीतिक दलों में दलितों को लुभाने की होड़ - शिवानंद तिवारी
यह सबने देखा कि पिछले दिनों करीब-करीब सभी दलों में आंबेडकर जयंती मनाने को लेकर किस कदर होड़ रही। इस होड़ ने यही साबित किया कि दलित वोट की महत्ता आज पहले की तुलना में कहीं ज्यादा बढ़ गई है। दलितों को मतदान का अधिकार तो शुरू से ही है, लेकिन समाज में अपनी दयनीय स्थिति और राजनीतिक चेतना के अभाव में दलित समाज अपने इस अधिकार का इस्तेमाल नहीं...
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