जनसत्ता 29 जून, 2013: उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में तबाही अभी थमी नहीं है और प्रधानमंत्री जम्मू कश्मीर में साढ़े आठ सौ मेगावाट की जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन कर आए हैं। विकास के नाम पर पिछले कुछ साल से जिस गति से पूरे हिमालय क्षेत्र में इन परियोजनाओं को बढ़ावा मिलता रहा है वह भयानक है। सभी प्रस्तावित परियोजनाएं क्रियान्वित हो जाएं तो हिमालय दुनिया में सबसे ज्यादा बांध घनत्व...
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दलहन पैदावार 10 लाख टन बढऩे का लक्ष्य रखा सरकार ने
रयास- खाद्य सुरक्षा मिशन में 1100 करोड़ रुपये उत्पादक राज्यों के लिए किसानों को मदद खाद्य सुरक्षा मिशन में अब दलहन उत्पादन बढ़ाने पर फोकस किसानों को प्रमाणित बीज, खाद और कीटनाशक सब्सिडी पर दलहन के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाना सरकार का मकसद इससे किसानों की आय बढऩे और जीवन स्तर सुधरने की भी उम्मीद कृषि मंत्रालय को चालू वर्ष में 190 लाख टन दलहन उत्पादन की आस कृषि मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष 2013-14...
More »उत्तराखंड की चेतावनी- अपूर्व जोशी
जनसत्ता 26 जून, 2013: उत्तराखंड में आई भारी विपदा पर लिखने बैठा, तो एकाएक बाबा नागार्जुन याद आ गए, अपनी एक कविता के जरिए- ताड़ का तिल है/ तिल का ताड़ है/ पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है/ किसकी है जनवरी/ किसका अगस्त है/ कौन यहां सुखी है/ कौन यहां मस्त है/ सेठ ही सुखी है। सेठ ही मस्त है/ मंत्री ही सुखी है/ मंत्री ही मस्त है/...
More »नाम का मनरेगा!- शिरीष खरे(तहलका )
मनरेगा योजना को हाईटेक बनाने की जिद के चलते मध्य प्रदेश में पिछले तीन महीने से इस योजना का काम लगभग ठप पड़ा है और लाखों मजदूर फिर से पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं. शिरीष खरे की रिपोर्ट. राजधानी भोपाल के सीहोर रोड पर बन रही एक गगनचुंबी इमारत के नीचे कुछ मजदूर परिवारों ने ईंटों की अस्थायी चारदीवारी बना ली है. इन्हें अंदाजा है कि वे कुछ महीनों...
More »उत्तराखंड के सबक- रोहित जोशी
जनसत्ता 21 जून, 2013: पिछले सालों में बरसात का मौसम उत्तराखंड के लिए तबाही का मौसम साबित हुआ है। अबके मानसून की पहली बारिश ही उत्तरकाशी, केदारनाथ, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और बागेश्वर में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन का मंजर लेकर आई है। जबकि अभी बरसात का पूरा मौसम बाकी है। यों तो आंख मूंद कर इन आपदाओं को सिर्फ प्राकृतिक माना जा सकता है और आपदा-राहत में...
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