"हम बहुत तकलीफ में जीवन गुजार रहें है. चाय बागान बंद हो गया है. पति घर पर बेकार बैठे हुए हैं. मेरी बड़ी बेटी मानसिक रोगी है. बेटी के इलाज के लिए हमारे पास एक फूटी कौड़ी तक नहीं है. लेकिन लोग केवल हमारे धर्म के बारे में ही बात करने आते हैं." 28 साल की मंगरी मुंडा धीमी आवाज़ में मुझसे ये बातें कहते हुए कुछ देर के लिए खामोश...
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वो पेंशन रोक सकते हैं, पर खाना खाने से नहीं: जस्टिस चेलमेश्वर
सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर का कहना है कि फ़र्क़ नहीं पड़ता कि भारत सरकार ठीक से काम कर रही है या नहीं या फिर सुप्रीम कोर्ट अपना काम ठीक से कर रहा है या नहीं. बीबीसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले के अपने पैतृक गाँव में वो सुकून की ज़िन्दगी जी रहे हैं 'जहां ना संसद है और ना सुप्रीम कोर्ट.' पिछले...
More »राजनीति और चुनाव पर कितना असर डालती है फ़ेक न्यूज़
संभव है कि आपको भी कभी ऐसा व्हाट्सएप्प मैसेज मिला हो कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज को दुनिया का सबसे बेहतरीन ध्वज घोषित किया जा चुका है. या भारत की करेंसी को यूनेस्को ने सर्वश्रेष्ठ घोषित किया है या आपका धर्म ख़तरे में है और उसे बचाने की ज़रूरत है. अक्सर इस तरह के मैसेज मिलने पर हम उन्हें बिना जांचे परखे आगे फ़ॉर्वर्ड कर देते हैं और जाने-अनजाने फ़ेक न्यूज़...
More »आत्महत्या से बड़ा अपराध नहीं-- आशुतोष चतुर्वेदी
मेरा मानना है कि आत्महत्या और उसमें भी सामूहिक आत्महत्या से बड़ा कोई अपराध नहीं है. पिछले दिनों सामूहिक आत्महत्या की कई घटनाएं सामने आयीं, जो चिंतित करती हैं. इनमें से अधिकांश मामले आर्थिक परेशानियों से जुड़े हुए थे. रांची में आर्थिक तंगी से परेशान दो सगे भाइयों दीपक कुमार झा और रूपेश कुमार झा ने पहले परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी और फिर दोनों ने फांसी...
More »बिहार के 20 जिलों में सूखे के हालात, बचाव और राहत के जल्द हों उपाय- एनएपीएम
बिहार के 20 जिलों में मॉनसून ने दगा किया है, इन जिलों में जून-जुलाई के महीने में 80 से 50 फीसद तक कम बारिश हुई है लेकिन कम बारिश वाले जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया जाना अभी बाकी है. कम बारिश वाले जिलों में धान की रोपाई के रकबे में आई कमी की तरफ ध्यान दिलाते हुए जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय(एनएपीएम) की बिहार इकाई ने मांग की है कि प्रदेश की सरकार...
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